चंबल इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल के लिए 32 देशों से 184 फिल्मों का आवेदन, चुनिंदा फिल्मों का होगा प्रदर्शन

धौलपुरः चंबल अंचल की नई छवि गढ़ने को बेताब घाटी का पहला फिल्म समारोह ‘चंबल इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल’ धीरे-धीरे समाज में जगह बनाने के साथ अब देश-विदेश के फिल्मकारों के खासा लोकप्रिय होता जा रहा है। यही वजह है कि धौलपुर में होने जा रहे चंबल इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल के सातवें संस्करण के लिए इस बार भारत, ताइवान, अमेरिका, ब्रिटेन, वियतनाम, मिस्र, ऑस्ट्रेलिया, ईरान, स्पेन, पुर्तगाल, सर्बिया, तुर्की सहित 32 देशों से विभिन्न श्रेणियों में कुल 184 फिल्में प्राप्त हुईं। इनमे फीचर फिल्म, शार्ट फिल्म, डाक्युमेंट्री, वेब सीरिज और मोबाइल…

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धौलपुर में पहली बार बड़ा आयोजन

‘चंबल इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल-7’ में मिलेगा नई प्रतिभाओं को मौका, जिला कलक्टर ने जारी किया पोस्टर -अंतिम चरण की तैयारियों में जुटे आयोजक धौलपुरः चंबल अंचल की सकारात्मक पहचान को उभारने के लिए चल रही मुहिम और आगे बढ़ने जा रही है. इसका नया ठिकाना धौलपुर है. धौलपुर में पहली बार ‘चंबल इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल-7’ होने जा रहा है. इसका पोस्टर भी जिला कलेक्टर अनिल कुमार अग्रवाल ने रिलीज कर दिया है। ‘चंबल परिवार’ के बैनर तले चंबल इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल का सातवां संस्करण इस बार 9-10 सितंबर को धौलपुर के…

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आजादी आंदोलन का उपेक्षित महाविद्रोही

डॉ. शाह आलम राना, एग्जीक्यूटिव एडीटर-ICN लखनऊ: एक दूसरे से आगे निकलने की आपाधापी, स्वार्थ और आत्मकेंद्रित होती जा रही इस दुनिया में किसी भी जन नायक को भुला देने के लिए डेढ़ सौ वर्ष कम नहीं होते। जब हमारे ही लोग उस गौरवशाली विरासत की शानदार धरोहर को सहेज कर न रख पा रहे हो तो सत्ता को कोसने का क्या मतलब? दरअसल इतिहासकी भी दो किस्में हैं। एक तो राजा, रजवाड़ों, रियासतों, ताल्लुकेदारों, नवाबों, बादशाहों, शहंशाहों का, तो दूसरा जनता का। सत्ता का चरित्र इस तरह का होता…

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कुरआन मजीद पर यह लिखकर अशफाक ने चूमा था फांसी का फंदा

डॉ. शाह आलम राना, एग्जीक्यूटिव एडीटर-ICN लखनऊ : अशफाक उल्ला खां एक ऐसे क्रांतिवीर जो वतन की आजादी के लिए महज सत्ताईस साल की उम्र में कुर्बान हो गए। उनकी रगों में बहता लहू का हर एक कतरा सिर्फ इस देश की आजादी के लिए ही था। वे देशभक्ति की ऐसी मिसाल हैं जिनका बस नाम ही काफी है। अशफाक के लिखे वे राज जो उनकी डायरी के पन्नों में दफ्न थे, उनकी तहें पहली बार खोली जा रही हैं। जून, 2011 गर्मियों की बात है। अशफाकके शाहजहांपुर स्थित पुश्तैनी…

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शेष विश्व के लिए अनदेखा अनजाना बेहतरीन पर्यटन-स्थल : कोस्टारीका

चन्द्रकान्त पाराशर , एडीटर-ICN हिंदी   लिमोन/कोस्टा रीका(मध्य अमेरिका) : एक बहुत सुंदर और सुरक्षित देश है कोस्टा रीका, इसलिए इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि यह पर्यटकों विशेषकर प्रकृतिप्रेमी व शान्त जीवन यापन करने वाले प्रवासियों की पसंद के रडार पर बना ही रहता है। वैसे भूगोल के हिसाब से उत्तरी अमरीका एवं दक्षिणी अमेरिका को जोड़ने वाले केंद्रीय स्थलजलडमरु मध्य (इस्थमस)पर कोस्टा रीका देश अवस्थित है,यह उत्तरी अमेरिका का हिस्सा है लेकिन लैटिन अमरीकन सांस्कृतिक विरासत को अपने में समेटे हुए प्रतीत होता है। सांस्कृतिक विरासत किसी…

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अमर कवि अयोध्यासिंह उपाध्याय”हरिऔध” के व्यक्तित्व व कृतित्व पर सिडनी में”स्मृति-आयोजन” सम्पन्न

चन्द्रकान्त पाराशर (शिमला हिल्स) , एडीटर-ICN हिंदी  नई दिल्ली : 10जनवरी विश्व हिंदी दिवस के अवसर पर आस्ट्रेलिया के सिडनी शहर में पंडित अयोध्या सिंह उपाध्याय ‘हरिऔध”(1865-1947 )की कलात्मक लेखन-शैली एवं साहित्य में उनके योगदान  पर  पद्मश्री लीलाधर जगूड़ी की अध्यक्षता में एक साहित्यिक विमर्श व काव्य-पाठ कार्यक्रम का जूम आभासी माध्यम द्वारा अद्भुत आयोजन किया गया। समारोह का आरम्भ हरिऔध जी की पौत्री श्रीमती आशा शर्मा के व्यक्तव्य से हुआ, जिसमें उन्होंने हरिऔध जी के संतान के प्रति अनुशासित नियमों आदि को रेखांकित करते हुए उनकी बहुमुखी प्रतिभा सम्बन्धी…

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10 जनवरी विश्व हिन्दी दिवस

सुदूर देश ऑस्ट्रेलिया में अमर कवि अयोध्यासिंह उपाध्याय”हरिऔध” की लेखन-शैली के अतुल्य योगदान पर उनकी तीसरी व चौथी पीढ़ी द्वारा “स्मृति-आयोजन”। चन्द्रकान्त पाराशर (शिमला हिल्स) , एडीटर-ICN हिंदी  नई दिल्ली : सुदूर देश ऑस्ट्रेलिया के सिडनी शहर में खड़ीबोली हिन्दी में पहला महाकाव्य “प्रिय प्रवास” लिखने वाले अमर कवि अयोध्यासिंह उपाध्याय”हरिऔध” की तीसरी व चौथी पीढ़ी क्रमशः उनकी पौत्री आशा शर्मा व प्रपौत्री अपर्णा वत्स द्वारा “विश्व हिन्दी दिवस” के अवसर पर दिनांक 10 जनवरी को “हरिऔध स्मृति अंतरराष्ट्रीय काव्य विमर्श व कवि सम्मेलन” उनकी लेखन-शैली के अतुल्य योगदान को…

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16वां अयोध्या फिल्म फेस्टिवल संपन्न, ऐतिहासिक रहा आयोजन

अवाम का सिनेमा – कई देशों की फिल्मों का प्रदर्शन – अन्य कई कार्यक्रम भी हुए आयोजित अयोध्याः काकोरी एक्शन के महानायक पं. राम प्रसाद ‘बिस्मिल’ और अशफाक उल्ला खां की स्मृति में उत्तर प्रदेश का पहला और चर्चित दो दिवसीय 16वां अयोध्या फ़िल्म फेस्टिवल सम्पन्न हो गया। फेस्टिवल कई मायनों में। ऐतिहासिक रहा। फेस्टिवल में सिनेमा और साहित्‍य जगत की दिग्गज हस्तियों ने शिरकत की। राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान, बेनीगंज के सभागार में हुए फेस्टिवल में सरोकारी फिल्मों का प्रदर्शन, फोटो एवं दस्तावेजों की प्रदर्शनी, सेमीनार, नाटक, पोस्टर एवं…

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16वां अयोध्या फिल्म फेस्टिवल में होगा फिल्मकारों का जमावड़ा

अवाम का सिनेमा – 10-11 नवंबर को अशफाक-बिस्मिल सभागार, अयोध्या में होगा आजोजन अयोध्याः काकोरी एक्शन के महानायक पं. राम प्रसाद ‘बिस्मिल’ और अशफाक उल्ला खां की स्मृति में आयोजित होने वाले उत्तर प्रदेश का पहले चर्चित फिल्म समारोह ने धड़कने बढ़ा दी हैं। राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान, बेनीगंज के सभागार में 10-11 नवंबर को आयोजित होने वाले अयोध्या फिल्म फेस्टिवल में सरोकारी फिल्मों का प्रदर्शन, फोटो एवं दस्तावेजों की प्रदर्शनी, सेमीनार, नाटक, पोस्टर एवं रंगोली प्रतियोगिता, फैशन शो, पुस्तक प्रदर्शनी, फिल्म मेकिंग वर्कशॉप आदि विविध सामाजिक-सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन…

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दि हाफ वर्ल्ड : तलाश जड़ों की

लखनऊ, दिनांक 11.09.2022. : क्या सृष्टि ने नर और नारी को रचते समय नारी को कुछ कम दिया है? क्या प्रकृति ने दोनों के मध्य संरचनात्मक बंदरबाँट की है? क्या यह विभेद धार्मिक है, या यह ऐतिहासिक है या यह अंतर राजनीतिक है? यह मानवीय प्रवृत्ति है अथवा कोई सोचा समझा षड्यंत्र? जब हम समाज और नारी का कोई समीकरण समझने का प्रयास करते हैं तो अधिकांशतः ढाल पुरुष की ओर सरकती हुई ही क्यों प्रतीत होती है? ये ढेर सारे प्रश्न एक ऐसे मंच की रचना अनायास ही करते…

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