मानव -उत्थान बना जिनका दिव्य युग-धर्म

चन्द्रकान्त पाराशर (वरिष्ठ एसोसिएट एडिटर) ICN GROUP खनेरी,शिमला हिल्स: ऋषि -सत्ताओं की विशेष कृपा का पात्र रहा है पर्वत श्रृंखलाओं से घिरा देवालय हिमाचल प्रदेश । जन -कल्याण व मानव -उत्थान को अपना ध्येय मानने वाले पेशे से हिमाचल प्रदेश विद्युत विभाग में बतौर इलेक्ट्रीशियन कार्यरत योगी रंजीत सिंह आज किसी परिचय के मोहताज नहीं है । मात्र 30 वर्ष की आयु में ही जिस लग्न ,कर्म निष्ठा व पर दुख कातरता के वशीभूत होकरउन्होंने योग -पद्धति के सिद्धांत व व्यवहारिक दोनों पक्षों से समाज के प्रत्येक वर्ग को परिचित…

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गुड पेरेंटिंग: आज और भविष्य की ज़रूरत

डॉ. प्रांजल अग्रवाल, डिप्टी एडिटर-ICN लखनऊ। भौतिकता के इस दौर में, मकान हो या मोटर कार, क्रेडिट कार्ड हो या विदेश यात्रा, सभी भौतिक वस्तुओं तक लगभग सभी की पहुँच होती जा रही है | देखा- देखी के इस दौर में, किसी ज़रूरतमंद की मदद करने से बेहतर, लोग शादी-पार्टी में अथवा गोल्ड लाउन्ज में सिनेमा देखने में अत्यधिक खर्च करना बेहतर समझते हैं | दिखावे का माहोल ऐसा बन पड़ा है की शहर में बड़े मकान से ले कर मोटर कार तक, या फिर मोबाइल फ़ोन से ले कर घड़ी/पर्स…

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अंतरराष्ट्रीय योग दिवस: उच्च रक्तचाप और योग

नितिन कुमार ’हिन्दुस्तानी’  21 वीं सदी के वर्तमान परिवेष में मानव जाति में उच्च रक्तचाप एक गंम्भीर व अधितर जनमानस की समस्या बनती जा रही है। जिसके कारण मानव को हार्ट फेल्योर कोरीनरी हार्ट डिजीज एवं किडनी फेल्योर आदि अन्य भयानक समस्याये उत्पन्न हो रही है। अनियंत्रित जीवन शैली के कारण आज ज्यादातर लोग उच्च रक्तचाप की समस्या से ग्रसित है। उच्च रक्तचाप अग्र कारणो से व्यक्ति में होती है।  छोटी-छोटी बातों पे तनाव लेना।  आवष्यकता से अधिक मोटा होना।  बढ़ती उम्र के कारण।  नमक का अत्यधिक…

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गर्मी के मौसम में रखें सेहत का ख्याल।

डॉ अनुरूद्ध वर्मा, एडिटर-ICN  गर्मी का मौसम शुरु हो गया है और इसके साथ ही शुरू हो गई है बीमारियों की बरसात। गर्मी को एक तरह से बीमारियों का मौसम कहा जाता है। गर्मी के मौसम में कालरा, गैस्ट्रोएन्टेराइटिस, दस्त, पेचिश, टायफॉइड बुखार, पीलिया, भोजन विषाक्तता, उल्टी आदि संक्रामक बीमारियां होती हैं जो कि गंदगी,प्रदूषित जल, प्रदूषित भोजन और असावधानी से होती हैं तथाब समय पर सही उपचार ना मिलने पर जानलेवा  भी हो सकती है। कुछ सावधनियाँ अपनाकर इन बीमारियों से बचा जा सकता है। गर्मी में होने वाली…

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सेल्फी : मनोरंजन या मनोरोग ?

डॉ. संजय श्रीवास्तव  क्या आप सभी जानते है की एक ख़ास सर्वेक्षण के अनुसार अवसाद के बाद दुस्साहसिक सेल्फी लेना युवाओं में होने वाली मृत्यु का दूसरा सबसे बड़ा कारण निकल कर सामने आया है | यूँ तो आप सभी जानते ही हैं की तस्वीरें खिचवाने का या अपनी तस्वीरे बनवाने का प्रचलन सदियों से चला आ रहा है उसके पीछे का मनोविज्ञान यही है की हर व्यक्ति खूबसूरत दिखना चाहता है और वह अपनी खूबसूरत तस्वीर को देख कर गौरान्वित अनुभव करता है ,प्रसन्न होता है वक़्त बदलता गया…

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लो आ गयी गर्मी

डॉ. नौशीन अली, ब्यूरो चीफ-आई.सी.एन. (म.प्र.)  भोपाल।हर मौसम की अपनी एक अलग पहचान होती है गर्मी का मौसम भी आ चूका है और साथ में कई बीमारियों की आमद भी इस मौसम में आपको खास एहतियात बरतनी होती है। अपनी सेहत के लिए क्युकी सूर्य देवता अपने चरम पर होते है आपको खाने-पीने से लेकर अपनी  त्वचा का भी खास ख्याल रखना होता है क्युकी अगर ज़रा सा ध्यान आपका हटा उसी में आप कई बीमारियों के चक्रव्यूह में फंस सकते है। हम आपको बताएँगे की क्या और कैसे आप खुद को स्वस्थ रखे गर्मियों में होने वाली समस्याए- डीहाइड्रेशन– हमारे शरीर का 70 प्रतिशत हिस्सा पानी से बना है पानी हमारे लिए बहुत ज़रूरी है  मनुष्य शरीर में पानी के…

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उच्च रक्तचाप और योग

नितिन कुमार ’हिन्दुस्तानी’  21 वीं सदी के वर्तमान परिवेष में मानव जाति में उच्च रक्तचाप एक गंम्भीर व अधितर जनमानस की समस्या बनती जा रही है। जिसके कारण मानव को हार्ट फेल्योर कोरीनरी हार्ट डिजीज एवं किडनी फेल्योर आदि अन्य भयानक समस्याये उत्पन्न हो रही है। अनियंत्रित जीवन शैली के कारण आज ज्यादातर लोग उच्च रक्तचाप की समस्या से ग्रसित है। उच्च रक्तचाप अग्र कारणो से व्यक्ति में होती है।  छोटी-छोटी बातों पे तनाव लेना।  आवष्यकता से अधिक मोटा होना।  बढ़ती उम्र के कारण।  नमक का अत्यधिक…

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किशोरों की जिंदगी का सबसे खतरनाक ज़हर: “अवसाद”

डॉ. संजय श्रीवास्तव  आज कल प्रायः अखबारों में ,टेलीवीजन में ,सोशल साइट्स पर या अन्य खबरों में आये दिन किसी न किसी व्यक्ति के आत्महत्या द्वारा म्रत्यु की खबरे हमारे संज्ञान में आती रहती है | इन खबरों में मरने वालो में ज्यादातर खबरे नई उम्र के नवयुवको एवं नवयुवतियो की होती है |  बड़ा अजीब सा लगता है यह देख कर कि जिस उम्र में अभी तक इन बच्चो ने ,इन किशोरों ने इस जिंदगी के सफ़र को अच्छे से देखा नहीं है , समझा नहीं है और अभी उनके उपर किसी ज़िम्मेदारी का बोझ नहीं है…

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जीवित रहने के लिए पानी की तरह जरूरी है प्रोटीन

डॉ. नौशीन अली ब्यूरो चीफ आई.सी.एन. (म.प्र) प्रोटीन शरीर के निर्माण में यह अपनी अहम भूमिका निभाता है व पाचक रसों (गेस्ट्रिक जूस ) का निर्माण करता है। भोपाल।प्रोटीन की कमी से जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द हो सकता है।सिनोविअल फ्लूइड प्रोटीन से बना होता है और यह जोड़ों में मौजूद होता है.जोड़ों को लचीला बनता है.साथ ही मांसपेशियों का पुनर्निर्माण करता है। प्रोटीन की कमी से फ्लूइड कम बनता है जिससे जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द होता है. प्रोटीन सिर्फ बॉडी बनाने की चाहत रखने वालों के लिए ही जरूरी नही होता, बल्कि यह खासोआम की जरूरत होता है। प्रोटीन के बिना सम्‍पूर्ण स्वास्थ्य की कल्पना भी नहीं की जा सकती। प्रोटीन भोजन का अहम अंग है। समुचित प्रोटीन के बिना किसी भी भोजन को सम्‍पूर्ण नहीं माना जा सकता। प्रोटीन के बिना हम अपने रोजमर्रा के काम भी पूरे नहीं कर सकते। बच्चों से लेकर बूढ़ों तक हर उम्र के लोगों के लिए बेहद जरूरी होता है प्रोटीन। प्रोटीन की भूमिका शरीर की टूट–फूट की मरम्मत करना होता है। यह शरीर में कोशिकाओं बनाने में मदद करता है साथ ही हससे टूटे हुए तन्तुओं का पुनर्निर्माण होता है। शरीर के निर्माण में यह अपनी अहम भूमिका निभाता है व पाचक रसों (गेस्ट्रिक जूस ) का निर्माण करता है। क्यों जरूरी है प्रोटीन आप चाहे खूबसूरत दिखना चाहते हैं, बॉडी बनाना चाहते हैं या अपनी हाईट में ग्रोथ चाहते हैं हर चीज के लिए आपको प्रोटीन की जरूरत होती है।…

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भोजपुरी: भाषाई अस्मिता का संघर्ष और राजनीति

उदय नारायण सिंह सरकारी आँकड़ों में आठ करोड़ परन्तु धरातल पर पंद्रह करोड़ से उपर के लोगों द्वारा बोली जाने वाली,पाँच देशों की प्रमुख मातृभाषा,विश्वविद्यालीय शिक्षा में पढ़ाई जाने वाली तथा सिनेमा उद्योग में पॉलीवुड के नाम से प्रसिद्ध भोजपुरी के समक्ष आज अपने अस्तित्व का संकट आन खड़ा हुआ है। भिन्न-भिन्न प्रकार की साहित्यिक पत्र-पत्रिकाओं से समृद्ध, राजनीतिज्ञों के संबोधन की आधार भाषा वर्त्तमान मे आज संकट में है। ब्रिटिश काल में गुलाम बना कर ले जाये गये भोजपुरी प्रदेश के मजदूर भले ही आज मॉरीशस, सुरीनाम, फीजी, ब्रिटिश…

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