अमर कवि अयोध्यासिंह उपाध्याय”हरिऔध” के व्यक्तित्व व कृतित्व पर सिडनी में”स्मृति-आयोजन” सम्पन्न

चन्द्रकान्त पाराशर (शिमला हिल्स) , एडीटर-ICN हिंदी 

नई दिल्ली : 10जनवरी विश्व हिंदी दिवस के अवसर पर आस्ट्रेलिया के सिडनी शहर में पंडित अयोध्या सिंह उपाध्याय ‘हरिऔध”(1865-1947 )की कलात्मक लेखन-शैली एवं साहित्य में उनके योगदान  पर  पद्मश्री लीलाधर जगूड़ी की अध्यक्षता में एक साहित्यिक विमर्श व काव्य-पाठ कार्यक्रम का जूम आभासी माध्यम द्वारा अद्भुत आयोजन किया गया। समारोह का आरम्भ हरिऔध जी की पौत्री श्रीमती आशा शर्मा के व्यक्तव्य से हुआ, जिसमें उन्होंने हरिऔध जी के संतान के प्रति अनुशासित नियमों आदि को रेखांकित करते हुए उनकी बहुमुखी प्रतिभा सम्बन्धी संस्मरणों से सबको अवगत कराया।

अंतर्राष्ट्रीय हिंदी समिति के अध्यक्ष भगवान शर्मा जी ने अपने बीज व्यक्तव्य से हरिऔध जी के साहित्य के कई अनछुए तथ्यों को उजागर कर श्रोताओं को हतप्रभ किया । हरिऔध परिवार की संस्था “थ्येटर आन डिमांड” व सहयोगी संस्थाओं “आस्ट्रेलियाँचल” “साहित्य संध्या” व “भारत आस्ट्रेलिया साहित्य सेतु” द्वारा संयोजित इस कायर्क्रम में कई देशों के कवि लेखकों ने भाग लिया एवं हिंदी व अंग्रेज़ी  के दिग्गज विद्वानों ने ,अपने वचनों, व काव्य पाठ से सबको भाव विभोर कर दिया।

“हरिऔध”जी के साहित्य का चमत्कार ही कहा जाएगा कि यह प्रस्तावित जूम आभासी कार्यक्रम पूर्व निर्धारित 2 घंटे की जगह कुल 4घंटे तक जारी रहा । कार्यक्रम में देश विदेश जुड़े हिंदी वि हिन्दीतर साहित्य जगत के दिग्गजों ने, अपने वचनों, कविता पाठ, से सबको भाव-विभोर कर दिया।

 

गीतकार ओम निश्चल ने अपने वक्तव्य में इस सम्मेलन को साहित्य संसार से जोड़े हुए बताया एवं कहा कि जिस सम्मेलन के मंच पर आधुनिक एवं समकालीन हिंदी कविता के बड़े कवि श्री लीलधार जगुड़ी जी एवं हिंदी के ललित गीतकार एवं कवि सहयोजित हों ये उस गोष्ठी का सौभाग्य है , उन्होंने कहा कि विभिन्न देशों और व्यवसायों में रहते हुए भी लोग अपने साहित्य साधना से विरत नहीं हैं और महाकवि हरिऔध के सुयश से परिचित हैं।

शिमला हिल्स से चंद्रकांत पाराशर, प्रॉंजल धर ने हरिऔध के जीवन पर गहरा विमर्श प्रस्तुत किया टोरन्टो से गोपाल बघेल मधु व संदीप त्यागी व मेलबर्न से सुभाष शर्मा आगरा से राजीव खण्डेलवाल के वक्तव्य सराहनीय रहे । अंजू शर्मा मथुरा ,विजय सिंह, भावन कुँवर,प्रगीत कुँवर सिडनी,कुसुम चतुर्वेदी,शशि तिवारी , ज्योत्सनाशर्मा ,मधु सक्सेना,विमल शर्मा व मुम्बई से सुशील योगी व प्रियंका अग्निहोत्री ने रचनाओं का पाठ किया

श्री लीलाधर जगुड़ी जी ने हरिऔध जी के साहित्य को हरिऔध काल से आज तक सर्व स्वीकार्य माना। जगूड़ी जी कविताओं ने व ओम निश्चल के गीतों ने समा बॉंध दिया कार्यक्रम का कुशल संचालन कवि अनिल कुमार शर्मा व हरिऔध जी की प्रपौत्री अपर्णा वत्स ने किया हरिऔध जी की बड़ी प्रपौत्री अंगिरा वत्स ने धन्यवाद ज्ञापन किया ।

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