देश के किसान अब अकेले नहीं: साईनाथ

नई दिल्ली। ऑल इंडिया किसान संघर्ष समन्वय समिति (एआईकेएससीसी) के नेतृत्व में फसलों के उचित दाम और कर्जमाफी की मांग को लेकर संसद भवन के निकट जन्तर मंतर पर प्रदर्शन कर रहे देशभर से आये हजारों किसानों को संबोधित करते हुए वरिष्ठ पत्रकार एवं रेमन मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित पी. साईनाथ ने कहा कि देश के किसान अब अकेले नहीं हैं। इनके साथ पूरा देश खड़ा हुआ है। उन्होंने केंद्र सरकार से किसानो की मांगों को अविलम्ब पूरा करने की मांग करते हुए कहा कि किसान अब उन्हें पूरा कराए बिना पीछे हटने वाले नहीं है। साईनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2014 में वायदा किया था कि स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें लागू करेंगे। मगर अब तक लागू नहीं की गई हैं, फिर कैसे पीएम मोदी का 2022 तक किसानों की आय दोगुना होने का लक्ष्य पूरा होगा। उन्होंने कहा कि देश भर के किसान अपने कर्जे माफ करने और स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें लागू करने की मांग को लेकर दिल्ली आये हैं, जिन्हें सरकार को मानना ही होगा। स्वराज पार्टी के नेता योगेंद्र यादव ने अपने संबोधन में कहा कि चैधरी छोटू राम ने हमें दो बातें सिखाई थी। पहली किसानों को अपने हक की आवाज खुद उठाना चाहिए। आज वो काम किसान कर रहा है। दूसरी शत्रु की पहचान करना जो किसान अब समझ गया है कि कौन उसका शत्रु है और किसान विरोधी। उन्होंने कहा कि जो पार्टियां आज इस मंच पर नहीं आई हैं वो सारी पार्टियां किसान विरोधी हैं। वहीं अखिल भारतीय किसान समन्वय समित के सचिव अतुल कुमार अंजान ने कहा कि किसानों के साथ मोदी सरकार ने छल किया है। मोदी सरकार ने अब तक किसानों के हितों के लिए काम नहीं किया तो 2022 तक क्या कर पाएंगे। यह सरकार भ्रष्ट हो चुकी है। सीबीआई, रिजर्व बैंक और किसान परेशान हैं लेकिन मालामाल तो माल्या और अंबानी हो रहे हैं। अंजान ने आगे कहा कि देश के किसान आत्महत्या कर रहे हैं। महाराष्ट्र में तो भाजपा की सरकार पर वहां सबसे अधिक किसानों ने आत्महत्या की है। मध्य प्रदेश में लंबे समय से भाजपा सरकार है, लेकिन सबसे अधिक यहीं के किसान आत्महत्या कर रहे हैं। उन्होंने सरकार से मांग की है कि किसानों के कर्ज माफ किए जाएं। उन्होंने नीति आयोग पर भी सवाल उठाए तथा किसान संगठनों को एकजुट रहने को कहा।

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