मूसलाधार बारिश से आए बाढ़ और फिर भूस्खलन से काफी जानमाल का नुकसान पहुंचा। मणिपुर और त्रिपुरा में बाढ़ के कारण हुए भूस्खलन में कम से कम 21 लोगों की जानें गईं।
गुवाहाटी। उत्तर पूर्वी राज्य असम, त्रिपुरा और मणिपुर में पिछले सप्ताह भारी बारिश से आए बाढ़ के बाद हालत अब भी काफी नाजुक बताई जा रही है। शनिवार को त्रिपुरा के कैलाशहर और असम के हैलाकांडी में बाढ़ प्रभावितों के बीच भारतीय वायु सेना के जवानों ने लगभग 8 टन की राहत सामग्री बांटी। केंद्रीय जल आयोग के अनुसार, ब्रह्मपुत्र नदी का जल स्तर 4-5 सेंटीमीटर प्रतिघंटे क रफ्तार से बढ़ रहा है। साथ ही चेतावनी जारी की है कि अगले 2 से 3 दिनों में यह खतरे के निशान तक पहुंच जाएगा। प्रभावित राज्यों के कई इलाकों में बिजली की आपूर्ति भी ठप हो गई है। कई जिलों में स्कूल और सरकारी कार्यालय बंद कर दिए गए हैं। असम में बाढ़ के कारण 6 जिलों के 4.5 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित बताए जा रहे हैं। वांगोई, लांफेल, इरोइसेंबा, लामसांग, पत्सोई और कोंथुजम जैसे इलाके बुरी तरह प्रभावित बताए हैं। कल राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन बल और राज्य आपदा प्रबंधन बलों ने मिलकर काचर, करीमगंज और हैलाकांडी जिलों से करीब 6 हजार लोगों को बचाया। जानकारी के मुताबिक, एक लाख से अधिक लोग विस्थापित होकर आश्रयस्थलों में ठहरे हुए हैं। करीब 430 लोगों को इंफाल के इरोंग, मइबम, उछीवा, अराप्ती, कियामगेई, अचानबिगेई और मोंगजम गांवों से बचाया गया है। त्रिपुरा के कई गांवों से 950 लोगों को वायु सेना के जवानों ने बचाया है। जबकि 2000 से अधिक लोग राहत कैंपों में ठहरे हुए हैं।