नई दिल्ली। सरकार खुद के बदौलत श्रमिकों को एक ऐसा सुरक्षा कवच देगी जिससे वह जीवन में कभी परेशान नहीं होगा, साथ ही उसे इस बात की चिंता नहीं होगी कि आने वाले समय में उसका या उसके परिवार का क्या होगा। सरकार ने 50 करोड़ वर्कर्स को सोशल सिक्योरिटी मुहैया कराने के लिए यूनीवर्सल सोशल सिक्योरिटी स्कीम का प्लान तैयार किया है। इसके तहत वर्कर्स को सोशियो इकोनॉमिक पैरामीटर के आधार पर चार कैटेगरी में बांटा जाएगा। सोशियो इकोनॉमिक कैटेगरी 4 में आने वाले वर्कर्स को सोशल सिक्योरिटी के लिए कोई कंट्रीब्यूशन नहीं करना होगा। इनके लिए कंट्रीब्यूशन सरकार करेगी। बाकी सोशियो इकोनॉमिक कैटेगरी 3 से लेकर सोशियो इकोनॉमिक कैटेगरी 1 के तहत आने वाले वर्कर्स को अपनी सैलरी का 12.5 से 20 फीसदी तक कंट्रीब्यूशन करना होगा। अगर कोई वर्कर इम्पलाई या नॉन इम्पलाई है और वह सोशियो इकोनॉमिक कैटेगरी 4 में आता है तो उसे सोशल सिक्योरिटी बेनेफिट के लिए कोई कंट्रीब्यूशन नहीं करना होगा। ऐसे वर्कर्स के लिए कंट्रीब्यूशन सरकार करेगी। यहां पर नॉन इम्पलाई से मतलब है कि वर्कर अगर किसी कंपनी या किसी दूसरी जगह पर नौकरी नहीं करता है और अपना काम या बिजनेस करता है तो ऐसे लोग नॉन इम्पलाई माने जाएंगे लेकिन इन लोगों को भी सोशल सिक्योरिटी बेनेफिट मिलेगा।
देश के 50 करोड़ श्रमिकों को होगा फायदा
