नई दिल्ली। राहुल गांधी ने कांग्रेस महाधिवेशन के समापन सत्र में दिए अपने भाषण में संकेत दे दिया है कि कांग्रेस के बुजुर्गों को भी अब खास तरजीह नहीं मिलने वाली है। अपने भाषण में उन्होंने स्पष्ट और कड़ा संदेश दिया है कि अब वरिष्ठों को युवाओं के लिए जगह खाली करनी होगी। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि पार्टी में दीवार तोडऩा जरूरी है और उनकी प्राथमिकता कार्यकर्ताओं और नेताओं के बीच की इसी दीवार को तोडऩे का है।
राहुल गांधी ने अपने भाषण में हालांकि काफी सधे हुए लफ्जों में दीवार गिराने का अपना संदेश दिया। उन्होंने कहा, हम दीवार को गिरा देंगे लेकिन गुस्से से नहीं प्यार से, बुजुर्गों के सम्मान से। कांग्रेस अध्यक्ष के इस भाषण का सीधा मतलब राजनीति के विश्लेषक मान रहे हैं कि आगे की पंक्ति में बैठे बुजुर्गों को अब जगह खाली करनी होगी। राहुल गांधी के जोशीले भाषण को सुनकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं में भारी उत्साह देखने को मिला।
राहुल ने एक दूसरी दीवार युवाओं और राजनीतिक व्यवस्था के बीच की दूरियों को खत्म करने को लेकर कही। कांग्रेस महाधिवेशन में राहुल गांधी ने बतौर अध्यक्ष पहली बार संबोधित किया। अपने भाषण में उन्होंने बार-बार कहा कि कांग्रेस में संगठन के स्तर पर बदलाव लाना उनकी प्राथमिकता है।
रविवार को अपने समापन भाषण में उन्होंने कार्यकर्ताओं को प्राथमिकता देने की बात करते हुए कहा कि पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ अच्छा व्यवहार और उनकी कद्र करना कांग्रेस की प्राथमिकता है। उन्होंने कहा, पीछे बैठे हमारे कार्यकर्ताओं में उर्जा है, शक्ति है। देश को बदलने की शक्ति है, लेकिन उनके बीच में और हमारे नेताओं के बीच में एक दीवार खड़ी है। मेरा पहला काम उस दीवार को तोडऩे का होगा।