समाजवादी पार्टी से राज्यसभा सांसद नरेश अग्रवाल भाजपा में शामिल हुए

लखनऊ।समाजवादी पार्टी से राज्यसभा सांसद नरेश अग्रवाल ने भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर ली हैं। उन्हें भाजपा पार्टी अध्यक्ष अमित शाह के स्थान पर केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने नरेश अग्रवाल को भाजपा की सदस्यता प्रमाणपत्र दिया। बता दें कि नरेश अग्रवाल का सपा ने टिकट काटा था। उनका आगामी 2 अप्रैल को कार्यकाल समाप्त हो रहा है। आशंका जताई जा रही है कि इसके चलते नरेश अग्रवाल ने भाजपा ज्वाइन की है।
ख़बरों के मुताबिक, सपा नेता नरेश अग्रवाल वित्त मंत्री अरुण जेटली के घर पहुंचे। इसके चलते भाजपा में शामिल होने की संभावनाएं तेज हो गईं। आशंका जताई जा रही है कि वह अनिल अग्रवाल को जितवाने की जिम्मेदारी भी ले सकते हैं। बता दें कि वित्तमंत्री अरुण जेटली समेत 8 बीजेपी प्रत्याशियों ने सोमवार को राज्यसभा चुनाव के लिए उत्तर प्रदेश से नामांकन किया। विधानसभा के टंडन हॉल में सभी बीजेपी प्रत्याशियों ने पर्चा दाखिल किया।
इस दौरान प्रदेश अध्यक्ष डॉ. महेंद्रनाथ पांडेय, दोनों डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य व डॉ. दिनेश शर्मा समेत योगी सरकार के कई मंत्री और नेता मौजूद रहे. जेटली के अलावा सपा छोड़कर बीजेपी का दामन थामने वाले अशोक बाजपेयी, विजय पाल सिंह तोमर, सकलदीप राजभर, कांता करदम, अनिल जैन, जीवीएल नरसिम्हा राव और हरनाथ सिंह यादव ने भी राज्यसभा के लिए नामांकन किया।
उत्तर प्रदेश में 10 राज्यसभा सीटों के लिए चुनाव होना है। इनमें से बीजेपी के 8 और सपा के 1 सदस्य की जीत पक्की है। एक सदस्य के लिए जोड़-तोड़ देखने को मिल सकती है। आखिरी सीट के लिए सपा, कांग्रेस और रालोद ने बसपा उम्मीदवार भीमराव अम्बेडकर को समर्थन दिया है। वहीं, बीजेपी ने भी एक निर्दलीय समाजसेवी को समर्थन देकर मैदान में उतारने जा रही है। बीजेपी और सहयोगी दलों के पास 325 विधायक हैं।
एक सीट के लिए 37 विधायकों की जरुरत है 8 प्रत्याशियों को राज्यसभा भेजने के बाद बीजेपी के पास 21 अतिरिक्त विधायक बच रहे हैं। वहीं,सपा के पास 47 विधायक है। जया बच्चन को राज्यसभा भेजने के बाद उसके पास 10 विधायक शेष हैं। बसपा के 19 विधायक और कांग्रेस के पास 7 विधायक हैं। सपा के बचे हुए विधायक और बसपा कांग्रेस के विधायक मिलाकर कुल संख्या 36 पहुंचती है। रालोद के एक विधायक के समर्थन के बाद बसपा के भीमराव अम्बेडकर आसानी से चुन लिए जाएंगे। बावजूद इसके बीजेपी ने एक निर्दलीय को मैदान में उतारकर सेंध लगाने की कोशिश की है।

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