आम आदमी की कहानी है रेनकोट फ़ॉर एव्हरीवन

मराठी भाषा में बनी यह फ़िल्म भाषा के दायरे तक सीमित नहीं है । महाराष्ट्र से लेकर देश के अलग-अलग राज्यों के फ़िल्म फ़ेस्टीवल में अपनी पहचान बना रही है।

लखनऊ: गोमती नगर में स्थित सिंगापुर मॉल में शॉर्टफिल्म ‘रेनकोट फ़ॉर एव्हरीवन’ का स्क्रिनींग दिनांक 10-03-18 को किया गया जिसमे शहर के जाने माने और निमंत्रित लोग उपस्थित थे|

लोकशाही राजव्यवस्था में चुनाव महत्वपूर्ण होता है चाहे वह छोटे गाँव की पंचायत का चुनाव हो या देश के प्रधानमंत्री का। सारे नेता यह बताना चाहते है कि मैं कौन हू, मैंने क्या किया या, मैं क्या करना चाहता हूँ, और मुझे ही क्यूँ चुने आदि| चुनाव में फ्लेक्स की भूमिका महत्वपूर्ण है। कोई भी चुनाव हो, दस में से एक नेता चुनके आता है लेकिन दस के दस नेता फ्लेक्स का कचरा वैसा का वैसा ही छोड़ देते है।

एस्टोनिया एंटरटेनमेंट प्रा. लि. के शामराव यादव द्वारा निर्मित एवं  प्रवीण धोपट द्वारा लिखित इस फिल्म को लखनऊ निवासी आशीष मौर्य ने निर्देशित किया है| अठारह मिनट की यह शॉर्टफिल्म, फ्लेक्स के प्रयोग पर अपना दृष्टिकोण रखती है।

मराठी भाषा में बनी यह फ़िल्म भाषा के दायरे तक सीमित नहीं है । महाराष्ट्र से लेकर देश के अलग-अलग राज्यों के फ़िल्म फ़ेस्टीवल में अपनी पहचान बना रही है। मुंबई इंटरनेशनल शॉर्ट फ़िल्म फ़ेस्टीवल में स्पेशल ज्यूरी अवॉर्ड से इसे सम्मानित किया गया है और अन्य शॉर्ट फ़िल्म फ़ेस्टिवल मैं भी इसी मार्च के महीने में प्रदर्शित हो रही है।

आशीष मौर्या ने बताया कि भविष्य में उत्तर प्रदेश पर आधारित फिल्म बनाने की योजना है जिसमे विशेष तौर पर अवधि बोली का प्रयोग किया जायेगा|

इस कार्यक्रम में ICN के एडिटर-इन-चीफ डॉ.शाह अयाज़ सिद्दीकी एवं न्यूज़ एडिटर प्रो.सत्येन्द्र कुमार सिंह भी उपस्थित थे|

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