तीन तलाक के खिलाफ दायर याचिका को हाई कोर्ट ने किया खारिज

नैनीताल। हाई कोर्ट ने तीन तलाक के खिलाफ  दायर याचिका को खारिज कर दिया है। साथ ही इस मामले को निचली अदालत में पेश करने के निर्देश दिए हैं। देहरादून निवासी शायना ने याचिका कर पति मंसूर आलम निवासी सहारनपुर द्वारा दिए गए तलाक को चुनौती देते हुए याचिका दायर की। याचिकाकर्ता का कहना था कि उसके पति द्वारा उसे कभी तलाक दिया ही नहीं गया, बल्कि उसके पिता से तलाक देने का जिक्र किया गया था। शायना के अनुसार पति से अनबन चल रही थी और उसने महिला हेल्पलाइन में इसकी शिकायत की थी। साथ ही पुलिस में धारा-498 के तहत मामला दर्ज कराया था। पिछले साल वह गर्भवती थी, इसलिए मायके देहरादून आ गई। सितंबर माह में मोबाइल में उसे फोन कर तलाक देने की जानकारी दी गई। जबकि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के नियमों के मुताबिक पति को सीधे पत्नी के सामने तीन बार तलाक बोलकर तलाक देना होता है। याचिकाकर्ता के अनुसार नवंबर में बच्चे की डिलीवरी के लिए वो अस्पताल में भर्ती थी। ऑपरेशन के जरिए उसकी बेटी पैदा हुई। जब वह बेहोशी की हालत में थी तो उसका पति एक दिन की बच्ची को अपने साथ ले गया। शायना ने मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड, शरीयत एक्ट, मुस्लिम विवाह अधिनियम आदि के तहत इस तीन तलाक को चुनौती दी। न्यायाधीश न्यायमूर्ति सुधांशू धूलिया की एकलपीठ ने मामले को सुनने के बाद इसे निचली अदालत में पेश करने को कहा है। याची का कहना है कि अब वह इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करेंगी। यहां बता दें कि याचिका में तीन तलाक को लेकर सुप्रीम कोर्ट के काशीपुर की सायरा बानो से संबंधित मामले में दिए गए फैसले को आधार बनाया गया था।

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