नई दिल्ली। देश के कुछ हिस्सों में मूर्ति तोडऩे की घटनाओं पर पीएम नरेंद्र मोदी ने कड़ी नाराजगी जताई है। इस संबंध में गृह मंत्रालय ने जानकारी देते हुए कहा कि पीएम मोदी ने गृह मंत्री राजनाथ सिंह से भी बात की है और इस तरह की तोडफ़ोड़ की घटनाओं पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। गृह मंत्रालय ने भी इस तरह की घटनाओं को गंभीरता से लिया है। वहीं गृह मंत्रालय ने राज्यों से कहा है कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए वे सभी जरूरी कदम उठाएं और इन घटनाओं में शामिल लोगों को काननू के अनुसार दंडित किया जाए। गौरतलब है कि देश के त्रिपुरा और तमिलनाडु जैसे राज्यों से मूर्ति तोड़े जाने की घटनाएं सामने आने से बवाल मच गया है, मगर इसका सिलसिला थमा नहीं है। पश्चिम बंगाल से भी मूर्ति विध्वंस का ताजा मामले सामने आया है। त्रिपुरा में विधानसभा चुनाव में भाजपा की ऐतिहासिक जीत के बाद वहां सोमवार को रूसी क्रांति के नायक व्लादिमीर लेनिन की मूर्ति पर बुलडोजर चला दिया गया, जिसके बाद वहां हिंसा ने उग्र रूप ले लिया। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, भाजपा समर्थकों ने साउथ त्रिपुरा डिस्ट्रिक्ट के बेलोनिया सबडिविजऩ में लेनिन की मूर्ति पर बुलडोजर चला कर उसे तहस नहस कर दिया। ये मूर्ति पिछले पांच साल से वहां स्थापित थी। फिलहाल त्रिपुरा में हिंसा वाले इलाकों में धारा 144 लागू कर दी गई है। वहीं तमिलनाडु के वेल्लुर जिले में मंगलवार रात समाज सुधारक एवं द्रविड़ आंदोलन के संस्थापक ई वी रामासामी पेरियार की प्रतिमा कथित रूप से क्षतिग्रस्त कर दी गई। इस घटना के बाद वहां हंगामा खड़ा हो गया। हालांकि घटनास्थल पर पहुंची पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार किया है। इस बीच तमिलनाडु में भाजपा के दफ्तर पर बम फेंके जाने की भी खबर हुई और यह घटना पेरियार की प्रतिमा तोड़े जाने के बाद सामने आई। पेरियार ने प्रसिद्ध पेरियार आंदोलन चलाया था। यह आंदोलन नास्तिकता (या तर्कवाद) के प्रसार के लिए जाना जाता है। इसके बाद उन्होंने द्रविड़ कडग़म नाम से राजनीतिक पार्टी भी बनाई थी। हालांकि, समय के साथ इसके कुछ मानने वालों ने धर्म और धार्मिक रीतियों का पालन शुरू कर दिया, जिसके खिलाफ पेरियार ने जीवन भर संघर्ष किया था। इस बीच पश्चिम बंगाल में भी मूर्ति तोड़े जाने की ताजा घटना सामने आ गई है। यहां जाधवपुर यूनिवर्सिटी में भारतीय जन संघ के संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी की मूर्ति को क्षतिग्रस्त कर दिया गया है। वहीं गोवा में वाल्पोई नगर परिषद ने छत्रपति शिवाजी की मूर्ति हटा दी है, क्योंंकि इसे बिना अनुमति के परिषद की जमीन पर लगाई गई थी।
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