नई दिल्ली। देश में कैंसर समेत कई बीमारियों के इलाज में काम आने वाली 51 आवश्यक दवाओं के दाम घट गए हैं। राष्ट्रीय दवा मूल्य नियामक एनपीपीए ने इनकी कीमतें कम करने का फैसला लिया है। इनमें कैंसर, दर्दनिवारक, दिल और त्वचा की बीमारियों से संबंधित दवाएं हैं। इनकी कीमतों में छह से 53 फीसद तक की कटौती की गई है। नियामक से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, नई अधिसूचना से कुछ दवाओं की कीमत आधी हो जाएगी। एनपीपीए (नेशनल फार्मास्यूटिकल प्राइसिंग अथॉरिटी) ने 13 दवाओं के लिए अधिकतम कीमत तय कर दी है। साथ ही 15 की अधिकतम कीमतों को संशोधित कर दी गई हैं। इसके अलावा 23 आवश्यक दवाओं की खुदरा कीमत भी नियामक ने निर्धारित कर दी है। जिन दवाओं की अधिकतम कीमत तय की गई है, उनमें कोलोन व रेक्टल कैंसर में इस्तेमाल होने वाली ओक्सालिप्लेटिन, जापानी इंसेफेलाइटिस का टीका और खसरा का टीका (मीजल्स रुबेला वैक्सीन) भी शामिल हैं। एनपीपीए दवा (मूल्य नियंत्रण) आदेश (डीपीसीओ) 2013 के तहत शेड्यूल 1 में आने वाली आवश्यक दवाओं की अधिकतम कीमत तय करता है। आवश्यक दवाओं के दामों की गणना किसी खास चिकित्सा खंड में एक फीसद से ज्यादा बिक्री वाली दवाओं के साधारण औसत के आधार पर की जाती है। जो दवाएं मूल्य नियंत्रण के दायरे से बाहर हैं, उनमें भी निर्माता को सालाना 10 फीसद से ज्यादा मूल्य वृद्धि की अनुमति नहीं है। सरकार ने वर्ष 1997 में एनपीपीए की स्थापना की थी।
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