राजपूतों का ऐलान, रिलीज नहीं होने दी जाएगी पद्मावती

भंसाली की फितरत देश के इतिहास से खिलवाड़ करना : कर्णी सेना
लखनऊ। फिल्म निर्माता-निर्देशक संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावति को लेकर शुरू हुआ विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है। राजपूत कर्णी सेना के साथ तमाम सामाजिक संगठनों ने ऐलान कर दिया है कि किसी भी हालत में पद्मावती को रिलीज नहीं होने दिया जाएगा।
गुरूवार को लखनऊ के एक होटल में आयोजित राजपूताना शौर्य फाउंडेशन की प्रेस वार्ता में कर्णी सेना के प्रधान संरक्षक लोकेंद्र सिंह कालवी ने पद्मावती का विरोध किया और कहा कि ये राजपूत का नहीं, स्त्री की अस्मिता का सवाल है। फिल्म में जिस तरह से पद्मावती को विषय बनाया गया है, वह कतई ठीक नहीं है।
स्त्री अस्मिता के लिए ही सभी सामाजिक संगठन एकजुट होकर विरोध कर रहे हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि जो भी सिनेमा हाल यह फिल्म लगाएंगे वो बंद करा दिए जाएंगे। संजय लीला भंसाली की यह फिल्म एक दिसंबर को देश भर के सिनेमाघरों में रिलीज हो रही है। उन्होंने कहा कि फिल्म के विरोध में एक दिसंबर को डीएम और सिनेमाघर मालिकों को खून से लिखा पत्र दिया जाएगा। कालवी ने कहा कि 200 करोड़ की ये फिल्म नोटबंदी के 14 दिन पहले ये फिल्म शुरू हुई थी। आखिरकार कैसे ये फिल्म नोटबंदी के दौरान शूट हुई। उन्होंने आरोप लगाया कि इस फिल्म में पैसा सिर्फ और सिर्फ दाऊद के घर दुबई से आया।उन्हांने कहा कि सिनेमेट्रोग्राफी एक्ट के तहत छह महीने के लिए फिल्म को रोका जा सकता है।
सेंसर बोर्ड के पास ऐतिहासिक तथ्यों का विश्लेषण करने का अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि भंसाली की फितरत में ही देश के इतिहास के साथ खिलवाड़ करना है। उन्होंने कहा कि हम फिल्म को रोकने के लिए अपना खून तक बहा देंगे। उन्होंने कहा कि उन्हें आज तक फिल्म नहीं दिखाई गई। कहा कि उन्होंने इस मामले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हस्तक्षेप की भी अपील की। उन्होंने कहा कि ’फिल्म में रानी पद्मावती के सम्मान को ठेस पहुंचाई गई है। अलाउद्दीन खिलजी की प्रेमिका दिखाया जाना गलत है।
बॉलीवुड फिल्म का समर्थन कर रहा है, इस सवाल पर उन्होंने कहा कि कुछ सभ्य लोग इसका विरोध भी कर रहे हैं। सनी देओल ने ट्वीट किया है कि मेहनत की है भंसाली ने लेकिन राजपूतों ने खून बहाया है। वहीं, अमिताभ बच्चन ने ट्वीट किया है कि राजपूत सेना के बारे में संवेदनशीलता से बात की जानी चाहिए।
सिंह ने कहा कि इस देश के लिए अच्छा और बुरा तय करने के लिए उत्तर प्रदेश भी कम नहीं है। उत्तर प्रदेश में मजबूत प्रदेश है और मुझे गर्व है कि मैं यहां आया हूं। हम लाखों की तादाद में खड़े होकर फिल्म का विरोध करेंगे। यूपी इसमें अपनी अहम भूमिका निभाएगा। अहिंसा बहुत जरूरी है, पर हिंसा भी मजबूरी है। सरकार को इसे समझते हुए फिल्म पर रोक लगानी होगी।

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