एसबीआइ ने बनाया एनपीए पर अंकुश को नया विभाग

नई दिल्ली । भारतीय स्टेट बैंक के नए चेयरमैन रजनीश कुमार ने फंसे कर्जो यानी एनपीए से निपटने को अपनी प्राथमिकता में रखा है। इस दिशा में उन्होंने बैंक में विशेष विभाग भी बनाया है। इस विभाग की अगुआई प्रबंध निदेशक स्तर का अधिकारी करेगा। बैंक के बेहतर संचालन के लिए उन्होंने प्रबंधन में कुछ और भी बदलाव किए हैं। कुमार ने शनिवार को स्टेट बैंक के चेयरमैन का पद संभाला। उनका कार्यकाल तीन साल का है। उन्होंने पूर्णकालिक निदेशकों की अध्यक्षता में काम कर रहे कई विभागों में व्यापक बदलाव किया है। कुमार ने कहा, ‘प्रभावी नियंत्रण, घरेलू कारोबार, सहयोगी बैंकों के विलय के बाद की स्थिति की निगरानी के लिए बड़े बदलाव का फैसला हुआ है। एनपीए और दबाव वाली परिसंपत्तियों की समस्या से निपटने की प्रक्रिया को गति देना भी इन बदलावों का लक्ष्य है। बढ़ते एनपीए से निपटने के लिए उन्होंने एक मैनेजिंग डायरेक्टर की अगुवाई में स्टेस्ड असेट्स रिजॉल्यूशन ग्रुप (एसएआरजी) के नाम से नया विभाग भी गठित किया है। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में एसबीआइ का सकल एनपीए बढ़कर 9.97 फीसद पर पहुंच गया था। एसबीआइ स्टाफ को मिलेगी लोन प्रोसेसिंग की ट्रेनिंग
एसबीआइ और मूडीज एनालिटिक्स ने बैंक के कर्मचारियों को प्रशिक्षित करने को लेकर गठजोड़ की घोषणा की है। कर्मचारियों को लोन से जुड़े आवेदनों की प्रोसेसिंग और जोखिम के आकलन के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा। इससे कर्ज प्रबंधन को लेकर कर्मचारियों की क्षमता निखरेगी। एसबीआइ ने नवी मुंबई में 100 करोड़ रुपये के निवेश से इनोवेशन सेंटर के निर्माण की घोषणा भी की है। यह सेंटर 15,000 वर्गफुट में बनाया जाएगा। देश में किसी वित्तीय सेवा संस्थान द्वारा बनाया जाने वाला यह सबसे बड़ा सेंटर होगा।

Share and Enjoy !

Shares

Related posts