चन्द्रकान्त पाराशर (वरिष्ठ एसोसिएट एडिटर) ICN GROUP शिमला: एसजेवीएन के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक श्री नन्द लाल शर्मा ने हिमाचल प्रदेश में चिनाब बेसिन में 501 मेगावाट क्षमता की तीन परियोजनाएं आबंटित करने के लिए हिमाचल प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री श्री जय राम ठाकुर तथा राज्य सरकार के प्रति आभार व्यक्त किया है । हिमाचल प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री श्री जय राम ठाकुर की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में चिनाब बेसिन में 104 मेगावाट टांडी , 130 मेगावाट राशिल तथा 267 मेगावाट की साच खास जलविद्युत परियोजनाएं एसजेवीएन…
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द्वितीय सारण अंतर्राष्ट्रीय फ़िल्म समारोह का हुआ समापन, ऑनलाइन किया गया था आयोजन
● द्वितीय संस्करण का ऑनलाइन किया गया था आयोजन ● 6 देशों से कुल 17 चुनिंदा फिल्मों की हुई स्क्रीनिंग ● ईरान , तुर्की , सिंगापुर , कोरिया , भारत और बंग्लादेश से थी एंट्री । ●महाराष्ट्र की फ़िल्म ”लाल” को लोगों ने खूब किया पसंद , सिंगापुर और ईरान की फिल्म “मा तुकी” और “इन पर्सपेक्टिव” की हुई तारीफ़ । छपरा : द्वितीय सारण अंतर्राष्ट्रीय फ़िल्म समारोह का दो दिवसीय ऑनलाइन आयोजन सफलतापूर्वक समाप्त हो गया । आपको बता दें कि साल 2019 में शुरू हुई ये सांस्कृतिक यात्रा…
Read Moreमानव -उत्थान बना जिनका दिव्य युग-धर्म
चन्द्रकान्त पाराशर (वरिष्ठ एसोसिएट एडिटर) ICN GROUP खनेरी,शिमला हिल्स: ऋषि -सत्ताओं की विशेष कृपा का पात्र रहा है पर्वत श्रृंखलाओं से घिरा देवालय हिमाचल प्रदेश । जन -कल्याण व मानव -उत्थान को अपना ध्येय मानने वाले पेशे से हिमाचल प्रदेश विद्युत विभाग में बतौर इलेक्ट्रीशियन कार्यरत योगी रंजीत सिंह आज किसी परिचय के मोहताज नहीं है । मात्र 30 वर्ष की आयु में ही जिस लग्न ,कर्म निष्ठा व पर दुख कातरता के वशीभूत होकरउन्होंने योग -पद्धति के सिद्धांत व व्यवहारिक दोनों पक्षों से समाज के प्रत्येक वर्ग को परिचित…
Read Moreउर्दू शायरी में ‘आसमान’ : 3
तरुण प्रकाश श्रीवास्तव, सीनियर एग्जीक्यूटिव एडीटर-ICN ग्रुप आखिर यह आसमान है क्या? सुनते हैं – दिन को नीला, रात को काला और कभी-कभी अपनी ही मनमर्ज़ी से रंग बदलने वाला यह आसमान सिर्फ़ एक फ़रेब भर है विज्ञान कहता है कि आसमान, आकाश, नभ, गगन, अंबर, फ़लक, अर्श या आप उसे जो भी कहते हैं, शून्य मात्र है। शून्य अर्थात ज़ीरो अर्थात कुछ भी नहीं। शून्य का कहीं कोई अस्तित्व नहीं होता लेकिन हमें तो सर के ऊपर इतना बड़ा आसमान दिखाई देता है जिसका न कोई ओर है न…
Read Moreतीन पीढ़ियों के जीवनानुभव के त्रिकोण पर उपजी कविताओं का कलरव
चन्द्रकान्त पाराशर (वरिष्ठ एसोसिएट एडिटर) ICN GROUP शिमला हिल्स : एक पीढ़ी को दूसरी पीढ़ी से जोड़ने का जरिया होते साहित्य की अभिवृद्धि के लिए निरंतर प्रयासरत हैं -एक पिता, दो पुत्र व एक सुपौत्री का लेखन-प्रवाह। मूलतःआगरा शहर की पृष्ठभूमि से जुड़े कवि अनिल कुमार शर्मा उनके दो सपुत्र दुष्यंत शर्मा व सिडनी- आस्ट्रेलिया निवासी जयंत शर्मा एक सुपौत्री गार्गी शर्मा (11 वर्षीय) साहित्य को अपने लेखन के माध्यम से लगातार नए आयाम देने में तत्पर हैं।इन सबके क्रमश 1. कहीं कुछ कम है -कविता संग्रह2. खामोशी का शोर…
Read Moreउर्दू शायरी में ‘आसमान’ : 1
तरुण प्रकाश श्रीवास्तव, सीनियर एग्जीक्यूटिव एडीटर-ICN ग्रुप आखिर यह आसमान है क्या? सुनते हैं – दिन को नीला, रात को काला और कभी-कभी अपनी ही मनमर्ज़ी से रंग बदलने वाला यह आसमान सिर्फ़ एक फ़रेब भर है। विज्ञान कहता है कि आसमान, आकाश, नभ, गगन, अंबर, फ़लक, अर्श या आप उसे जो भी कहते हैं, शून्य मात्र है। शून्य अर्थात ज़ीरो अर्थात कुछ भी नहीं। शून्य का कहीं कोई अस्तित्व नहीं होता लेकिन हमें तो सर के ऊपर इतना बड़ा आसमान दिखाई देता है जिसका न कोई ओर है…
Read Moreउर्दू शायरी में ‘ख़्वाब’
तरुण प्रकाश श्रीवास्तव, सीनियर एग्जीक्यूटिव एडीटर-ICN ग्रुप अगर ख़्वाब नहीं होते तो शायद हम इंसान भी नहीं होते। आदमी ख़्वाब देखता है लेकिन जानवर कभी ख़्वाब नहीं देखते। आदमी और जानवर के बीच सिर्फ़ ‘ख़्वाब’ ही मौजूद हैं। हर तरक्की के पीछे हमेशा किसी का कोई ख़्वाब ही पोशीदा है। धरती पर सृष्टि के जन्म लेने से आज तक के सफ़र में करोड़ों अरबों ख़्वाब हैं जो लोगों की आँखों के समंदर में किसी किश्ती कि तरह तैरे और जिसमें से कुछ को तो किनारा मिला और बाकी को…
Read Moreउर्दू शायरी में ‘ख़्वाब’: 1
तरुण प्रकाश श्रीवास्तव, सीनियर एग्जीक्यूटिव एडीटर-ICN ग्रुप अगर ख़्वाब नहीं होते तो शायद हम इंसान भी नहीं होते। आदमी ख़्वाब देखता है लेकिन जानवर कभी ख़्वाब नहीं देखते। आदमी और जानवर के बीच सिर्फ़ ‘ख़्वाब’ ही मौजूद हैं। हर तरक्की के पीछे हमेशा किसी का कोई ख़्वाब ही पोशीदा है। धरती पर सृष्टि के जन्म लेने से आज तक के सफ़र में करोड़ों अरबों ख़्वाब हैं जो लोगों की आँखों के समंदर में किसी किश्ती कि तरह तैरे और जिसमें से कुछ को तो किनारा मिला और बाकी को समंदर…
Read Moreभारतीय संगीत के आदि प्रेरक
डॉ शिखा भदौरिया, असिस्टेंट एडिटर, ICN एंटरटेनमेंट नाहं वसामि वैकुण्ठे योगिनां हृदयेन च । मद्भक्ता यत्र गायन्ति तत्र तिष्ठामि नारद ॥ भावार्थ :- अमुक श्लोक में भगवान विष्णु जी कह रहे है, ” हे नारद ! ना तो मैं वैकुण्ठ में निवास करता हूँ , ना ही योगीजनों के हृदय में ही मेरा निवास है। मै तो वहाँ निवास करता हूँ जहां मेरे भक्तगण गायन-वादन करते है। ” इस एक श्लोक से ही संगीत की प्रासंगिकता प्रदर्शित होती है की स्वयं ईश्वर भी संगीत को कितनी महत्ता देते है। जैसा…
Read Moreविश्व पी सी ओ एस जागरूकता माह : 1 सितंबर से 30 सितम्बर
डॉ अनुरूद्व वर्मा, एडीटर-ICN जरूरी है जागरूकता , बचाव एवं समय पर उपचार महिलाओं में आजकल पी सी ओ एस बहुत सामान्य समस्या हो गई है पहले जहां महिलाएं घर की चार दीवारी में ही अपना जीवन बिता देती थी लेकिन अब समय इतना बदल गया है कि आज महिलाएं घर और बाहर दोनों की जिम्मेदारी सभाल रही हैं जिससे उन्हें संतुलन बनाये रखने में अपने लिए समय निकालने में कठिनाई होती है। असमयभोजन , स्वास्थ्य की अनदेखी, मशीनी जीवनशैली और तनाव के कारण आजकल महिलाएं अनेक बीमारियों से ग्रस्त…
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