हिमाचल प्रदेश सरकार ने एसजेवीएन को चिनाब बेसिन में 501 मेगावाट की तीन जलविद्युत परियोजनाएं आबंटित कीं

चन्द्रकान्त पाराशर (वरिष्ठ एसोसिएट एडिटर) ICN GROUP

शिमला: एसजेवीएन के अध्‍यक्ष एवं प्रबंध निदेशक श्री नन्‍द लाल शर्मा ने हिमाचल प्रदेश में चिनाब बेसिन में 501 मेगावाट क्षमता की तीन परियोजनाएं आबंटित करने के लिए हिमाचल प्रदेश के माननीय मुख्‍यमंत्री श्री जय राम ठाकुर तथा राज्‍य सरकार के प्रति आभार व्‍यक्‍त किया है ।

हिमाचल प्रदेश के माननीय मुख्‍यमंत्री श्री जय राम ठाकुर की अध्‍यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में चिनाब बेसिन में 104 मेगावाट टांडी , 130 मेगावाट राशिल तथा 267 मेगावाट की साच खास जलविद्युत परियोजनाएं एसजेवीएन को आबंटित की गईं। एसजेवीएन पहले से ही चिनाब बेसिन में 3 परियोजनाओं नामत: 430 मेगावाट रिओली दुग्‍ली, 210 मेगावाट पुर्थी एवं 138 मेगावाट बरदंग जलविद्युत परियोजनाओं का निर्माण कर रहा है । इन तीन परियोजनाओं के आबंटन के साथ एसजेवीएन के पास अब चिनाब बेसिन में कुल 1279 मेगावाट क्षमता की छह परियोजनाएं हैं।

श्री शर्मा ने माननीय मुख्‍यमंत्री को बताया कि एसजेवीएन पहले ही उदयपुर में कार्यालय स्‍थापित कर चुका है और उन्‍हें आश्‍वासन दिया कि इन परियोजनाओं का निर्माण समयबद्ध रूप से किया जाएगा क्‍योंकि एसजेवीएन का मूल आधार जलविद्युत है ।

श्री शर्मा ने कहा कि एसजेवीएन के लिए पर्यावरण सरंक्षण तथा स्‍थानीय मुद्दों का समाधान सदा ही प्राथमिकता वाले क्षेत्र रहे हैं और उन्‍होंने माननीय मुख्‍यमंत्री को आश्‍वासन दिया कि एसजेवीएन इन परियोजनाओं के निर्माण के दौरान पर्यावरण तथा अन्‍य स्‍थानीय मुद्दों का पूरा ध्‍यान रखेगा ।

श्री नन्‍द लाल शर्मा ने जोर देकर कहा कि जलविद्युत का विकास आर्थिक संभाव्‍यता तथा अवसंरचनात्‍मक विकास को बल प्रदान करने के लिए एकीकृत नदी बेसिन विकास दृष्टिकोण के साथ किया जाना है । उन्‍होंने कहा कि अवसंरचनात्‍मक विकास से देश का समूचा सामाजिक आर्थिक विकास सुनिश्चित होगा । यह प्रधानमंत्री श्री मोदी के 24×7 सभी को विद्युत उपलब्‍ध कराने के विजन को पूरा करने की दिशा में एक महत्‍वपूर्ण मुकाम सिद्ध होगा ।

एसजेवीएन की वर्तमान स्‍थापित क्षमता 2016.51 मेगावाट है तथा इसका लक्ष्‍य सन 2023 तक 5000 मेगावाट, सन 2030 तक 12000 मेगावाट , सन 2040 तक 25000 मेगावाट स्‍थापित क्षमता वाली कंपनी बनना है । एसजेवीएन की विद्युत उत्‍पादन के विभिन्‍न क्षेत्रों में मौजूदगी है जिसमें जलविद्युत, पवन , सौर एवं ताप विद्युत शामिल है । कंपनी की विद्युत पारेषण के क्षेत्र में भी उपस्थिति है ।

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