सोल। नॉर्थ कोरिया और साउथ कोरिया के नेताओं की ऐतिहासिक शिखर बैठक सफल मानी जा रही है। नॉर्थ कोरिया के सुप्रीम लीडर किम जोंग-उन और साउथ कोरिया के राष्ट्रपति मून जेई-इन के बीच स्थायी शांति समझौते के साथ ही क्षेत्र को पूर्ण रूप से निरस्त्रीकरण करने पर सहमति बनी है। किम का इस मौके पर दिया गया बयान भी काफी मायने रखता है।सीमा रेखा के पास हुई इस बैठक पर पूरी दुनिया की नजरें थीं क्योंकि यहीं से अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप और किम जोंग-उन के बीच मुलाकात का माहौल तैयार होता। बैठक को साउथ कोरिया में तो लाइव दिखाया गया लेकिन नॉर्थ कोरिया के लोग इसे लाइव नहीं देख सके।दोनों नेता कोरियाई प्रायद्वीप से सभी परमाणु हथियारों को हटाने के लिए काम करेंगे और अमेरिका के साथ बात कर आधिकारिक रूप से कोरिया युद्ध की समाप्ति की घोषणा करेंगे। आपको बता दें कि कोरिया युद्ध 1950 से 1953 तक चला था। इसके बाद संघर्षविराम हुआ पर औपचारिक रूप से शांति समझौता कभी लागू नहीं हुआ।किम और मून ने पनमुंजोम घोषणा पर हस्ताक्षर करने के बाद एक दूसरे को गले लगा लिया। उन्होंने सहमति जताई कि वे कोरियाई युद्ध के स्थायी समाधान की दिशा में प्रयास करेंगे और इसके सैन्य हल के बजाए शांतिपूर्ण संधि से इसे खत्म करने की दिशा में पहल की जाएगी। मून अब प्योंगयोंग का दौरा करेंगे। दोनों नेताओं ने ‘नियमित बैठकें और सीधे फोन वार्ता’ करने पर भी सहमति जताई।
एक भाषा, एक देश, एक खून तो फिर हमें एक रहना चाहिए: किम
