सोल। दुनिया भर में अकसर आपसी तनाव के चलते चर्चा में रहने वाले दक्षिण और उत्तर कोरिया के बीच दशकों से खड़ी दुश्मनी की दीवार शुक्रवार को गिर गई। 65 साल के इतिहास में पहली बार उत्तर कोरिया के किसी शासक ने दक्षिण कोरिया की धरती पर कदम रखा। उत्तर कोरिया के तानाशाह शासक किम जोंग उन शुक्रवार सुबह दोनों देशों की सीमा पर पहुंचे और असैन्य इलाके में दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जेई-इन से मुलाकात की। यह नजारा बेहद दिलचस्प था, जब किम जोंग ने उत्तर कोरिया की सीमा से ही हाथ बढ़ाया और फिर हाथ मिलाने के बाद दक्षिण कोरिया के इलाके में प्रवेश कर गए। दोनों देशों के नेताओं के बीच इस मीटिंग पर पूरी दुनिया की नजरें हैं।किम जोंग उन के दक्षिण कोरिया की धरती पर पैर रखते ही राष्ट्रपति मेन जेई-इन ने कहा कि आपका स्वागत है। कोरिया टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, किम के सैन्य सीमा रेखा पार करते ही मून ने कहा कि आप दक्षिण कोरिया आ गए हैं। ऐसा कब संभव होगा, जब मैं नॉर्थ कोरिया जाऊं। फिर क्या था किम जोंग उन ने तुरंत मून का हाथ पकड़ा और चंद मीटर की दूरी तय कर उन्हें नॉर्थ कोरिया के इलाके में ले गए। फिर दोनों नो मेन्स लैंड कहे जाने वाले असैन्य इलाके में आए। हालांकि यह इलाका साउथ कोरिया के क्षेत्र में आता है। दोनों नेताओं के बीच कोरियाई महाद्वीप में न्यूक्लियर हथियारों की होड़ को खत्म करने पर बातचीत चल रही है। 1950-53 में हुए कोरिया के युद्ध के बाद यह पहला मौका है, जब उत्तर कोरिया के शासक ने दक्षिण कोरिया की सीमा पार की है दोनों नेताओं के पारंपरिक दक्षिण कोरियाई शैली में स्वागत किया गया और गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। इसके बाद मून ने अपने डेलिगेशन का परिचय किम से कराया और फिर किम जोंग उन ने अपने डेलिगेशन का इंट्रोडक्शन दिया।इस मुलाकात को लेकर दोनों देश पूरी तरह सतर्कता भी बरत रहे हैं।
65 साल के इतिहास में पहली बार उत्तर कोरिया के शासक किम जोंग ने दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जेई-इन से मुलाकात की
