भारत में महिलाओं के खिलाफ भारी हिंसा, मर्द बदलें सोच: राहुल

हैम्बर्ग। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने जर्मनी के हैम्बर्ग में अपने भाषण के दौरान भारत में महिलाओं के खिलाफ हो रही हिंसा और देश में बढ़ रही लिंचिंग का मुद्दा उठाया। राहुल गांधी ने कहा कि भारत में महिलाओं के खिलाफ हिंसा के बहुत से मामले बढ़ गए हैं। भारत में जिस तरह से पुरुष महिलाओं को लेकर सोच रखते हैं, अब वह नजरिया बदलना होगा। राहुल ने आगे कहा कि पुरुषों को महिलाओं को समानता और सम्मान के भाव से देखना शुरू करना होगा। मैं यह कहने के लिए माफी चाहता हूं कि पुरुष ऐसा नहीं करते।भाषण के दौरान राहुल गांधी ने देश में लिंचिंग की घटनाओं को बेरोजगारी की वजह से लोगों में पैदा हुए गुस्से से जोड़ा है। उन्होंने कहा, कुछ साल पहले प्रधानमंत्री जी ने भारतीय अर्थव्यवस्था में नोटबंदी का फैसला किया और एमएसएमई के नकद प्रवाह को बर्बाद कर दिया, अनौपचारिक क्षेत्र में काम करने वाले लाखों लोग बेरोजगार हो गए। इसके साथ ही उन्होंने कहा, बड़ी संख्या में छोटे व्यवसायों में काम करने वाले लोगों को वापस अपने गांव लौटने को मजबूर होना पड़ा। इससे लोग काफी नाराज हैं। लिंचिंग के बारे में जो कुछ भी हम सुनते हैं, वो इसी का परिणाम है।राहुल गांधी ब्रिटेन और जर्मनी के चार दिवसीय दौरे पर हैं। उन्होंने हैम्बर्ग के बुसेरियस समर स्कूल में एक कार्यक्रम के दौरान मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा, दलितों, अल्पसंख्यकों, आदिवासियों को अब सरकार से कोई फायदा नहीं मिलता। उनको फायदा देने वाली सारी योजनाओं का पैसा चंद बड़े कॉर्पोरेट के पास जा रहा है। इसके अलावा उन्होंने शरणार्थियों के मुद्दे पर भी अपनी बात रखी।उन्होंने कहा, शरणार्थियों के अपमान का कारण कामगारों के बीच नौकरियों की कमी होना है। इससे घृणा और टकराव पैदा हो रहा है। भारत की जनसंख्या को लेकर राहुल ने कहा, भारत में यदि हम सभी लोगों को रोजगार दे पाते हैं तो जनसंख्या अपने आप में कोई समस्या नहीं है। भारत और चीन के बीच तुलना पर राहुल ने कहा कि भारत में लोग जो चाहते हैं वो व्यक्त कर सकते हैं। उन्होंने कहा, भारत और चीन के बीच कोई होड़ नहीं है। हो सकता है कि चीन भारत की तुलना में तेजी से बढ़ रहा हो, लेकिन भारत में लोग जो चाहते हैं वो व्यक्त कर सकते हैं, और यही मायने रखता है। इसके अलावा चीन और अमेरिका के साथ भारत के संबंधों पर राहुल ने कहा, अमेरिका के साथ भारत के सामरिक संबंध हैं, और हम उसके साथ लोकतंत्र जैसे कुछ विचार साझा करते हैं। लेकिन चीन बहुत तेजी से बढ़ रहा है। भारत की भूमिका इन दो शक्तियों को संतुलित करने की है।

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