दिनेश ल्वेशाली, स्पेशल कोरेस्पोंडेंट, ICN-उत्तराखंड
क्या आपने कभी कोई ऐसा प्राइमरी स्कूल देखा है
जहाँ अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई होती है ?
जहाँ के बच्चे अंग्रेजी में लिखी किसी भी पंक्ति के tense को 1 सेकंड के अंदर बता दें ?
जहाँ चौथी पाँचवी में पढ़ने वाले बच्चे जटिल से जटिल गणित के सवालों को बड़ी आसानी से हल कर देते हों ?
जिस स्कूल में लोग कॉन्वेंट स्कूल छुड़वाकर अपने बच्चों को इस प्राइमरी स्कूल में भर्ती करवा रहे हों?
जी हाँ, इन सब खूबियों को लिए हमारे छेत्र में एक प्राइमरी स्कूल है जिसका नाम है राजकीय आदर्श प्राथमिक विद्यालय,गुरना, पिथौरागढ़। जहाँ इस समय कई प्राइमरी स्कूल बंद होने की कगार पर हैं वहीं ये एक ऐसा स्कूल है जहाँ अभिभावक अपने बच्चों को कान्वेंट स्कूल से छुड़वाकर इस स्कूल में एडमिशन करवा रहे हैं।
ये सब कायापलट हुई 2013 के बाद। 13 अप्रैल 2015 को इस स्कूल में प्रधान अध्यापक के रूप में श्री सुभाष जोशी नियुक्त हुवे। तब विद्यालय में केवल 12 छात्र थे जिसमें भी 7 छात्र नेपाल के थे। इसके एक वर्ष बाद ही इस विद्यालय में बच्चों की संख्या 128 हो गयी और 2018 में 164 बच्चे इस स्कूल में हैं। सुभाष जोशी जी ने बताया कि अभी विद्यालय में बच्चों के बैठने के लिए अगर 2 कमरों की व्यवस्था हो जाये तो उनका दावा है स्कूल में छात्रों की संख्या 250 पार हो जाएगी।
खुद सुभाष गणित और अंग्रेजी विषय स्कूल के बच्चों को पढ़ाते हैं। बच्चों का अंग्रेजी ग्रामर और गणित में निपुणता से ही पता चलता है सुभाष जोशी जी कितनी अच्छी तरह से बच्चों को इन विषयों मे पढ़ाते हैं। जहाँ प्राइमरी स्कूलों में 1 या 2 अध्यापक होते हैं वहीं जोशी जी जी के प्रयासों की बदौलत स्कूल में 12 लोगों का स्टाफ है।
सुभाष जोशी अपने इन प्रयासों की बदौलत कई बार सम्मानित भी हो चुके हैं।सुभाष जोशी जी एक ऐसा नाम हैं जिन्होंने ‘गुरु’ जिनका स्थान माता पिता के बाद होता है को पूरी तरह साबित किया है। धन्य हैं आप जैसे गुरु जिनके लिए दिल में स्वतः ही सम्मान जागता है।