जुलाई 2015 में ओबामा प्रशासन के समय अमेरिका, ब्रिटेन, रूस, चीन, फ्रांस और जर्मनी के साथ मिलकर ईरान ने परमाणु समझौता किया था। समझौते के मुताबिक ईरान को अपने संवर्धित यूरेनियम के भंडार को कम करना था और अपने परमाणु संयंत्रों को निगरानी के लिए खोलना थ।
वॉशिंगटन। अमेरिका ने ईरान के साथ परमाणु समझौता तोडऩे का फैसला कर लिया। राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने मंगलवार को वाइट हाउस से प्रेस कॉन्फ्रेंस कर ईरान के साथ हुए ऐतिहासिक परमाणु समझौते से अमेरिका के अलग होने की घोषणा कर दी। ईरान ने तत्काल प्रतिक्रिया देते हुए चेताया और कहा कि अगर समझौता फेल हुआ तो वह पहले से कहीं ज्यादा यूरेनियम का संवर्धन करेगा। वहीं संयुक्त राष्ट्र अध्यक्ष एंटेनियो गुतेरस ने परमाणु समझौते से जुड़े सभी देशों से अपील की है कि वे इस डील के साथ बने रहें।
‘
ट्रंप ने भारतीय समयानुसार मंगलवार आधी रात को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, मेरे लिए यह स्पष्ट है कि हम ईरान के परमाणु बम को नहीं रोक सकते। ईरान समझौता मूल रूप से दोषपूर्ण है। इसलिए , मैं आज ईरान परमाणु समझौते से अमेरिका के हटने की घोषणा कर रहा हूं। इसके कुछ समय बाद उन्होंने ईरान के खिलाफ ताजा प्रतिबंधों वाले दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किए और उन्होंने साथ ही आगाह किया कि जो भी ईरान की मदद करेगा उन्हें भी प्रतिबंध झेलना पड़ेगा।
ट्रंप ने कहा कि इस समझौते ने ईरान को बड़ी मात्रा में धन दिया और इसे परमाणु हथियार हासिल करने से नहीं रोका। ट्रंप ने यह फैसला कर प्रमुख यूरोपीय सहयोगियों और अमेरिका के शीर्ष डेमोक्रैट नेताओं की सलाह को नजरअंदाज किया। अपने चुनाव प्रचार के समय से ही ट्रंप ने ओबामा के समय के ईरान परमाणु समझौते की कई बार आलोचना की थी। उन्होंने समझौते को खराब बताया था। इस समझौते के वार्ताकार तत्कालीन अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी थे।
ईरान के राष्ट्रपति हसन रोहानी ने कहा कि अगर समझौता रद्द हुआ तो उनका देश अगले सप्ताह से ही पहले से कहीं अधिक मात्रा में यूरेनियम का संवर्धन करेगा। रोहानी ने कहा, मैं ट्रंप के फैसले पर यूरोप, रूस, चीन से बात करूंगा।ट्रंप के इस फैसले के बाद अमेरिका के भीतर और बाहर से प्रतिक्रियाएं आनी शुरू हो गई हैं। पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने इसे गंभीर भूल करार दिया है और आगाह किया है कि इससे अमेरिका की वैश्विक विश्वसनीयता को नुकसान पहुंचेगा। वहीं अमेरिका की घोषणा के बाद रूस का कहना है कि वह ट्रंप के फैसले से बेहद निराश है।