धौलपुर में चंबल इंटरनेशनल फ़िल्म फ़ेस्टिवल के सातवें संस्करण का हुआ भव्य उद्घाटन

धौलपुर: चंबल परिवार द्वारा आयोजित ‘चंबल इंटरनेशनल फ़िल्म फ़ेस्टिवल के सातवें संस्करण का शुभारंभ नगर परिषद सभागार में हुआ। कार्यक्रम की शुरुआत चंबल मे जनजीवन विषय पर रंगोली व चंबल में प्रवासी पक्षी विषय पर पेंटिंग प्रतियोगिता से हुई जिसमें विभिन्न स्कूलों के छात्र – छात्राओं ने हिस्सा लिया.

फिल्म समारोह में लेखक और निर्देशक डॉक्टर मोहन दास, फिल्म निर्माता धर्मेंद्र वर्मा, फिल्म निर्देशक डॉक्टर Omendra कुमार, फिल्म निर्देशक और रंगकर्मी मुकेश वर्मा, चंबल टूरिज्म के प्रभारी डॉक्टर कमल कुशवाहा आदि अतिथि विशेष रूप से मौजूद रहे.

कार्यक्रम में धौलपुर के विभिन्न कलाकारों ने शानदार प्रदर्शन किया। गायिकी में तन्वी उपाध्यय ने एक राधा एक मीरा दोनों ने श्याम को चाहा गीत परफॉर्म किया वॉइस ऑफ धौलपुर अवनी जैन ने अपनी सुरीली आवाज सी सभी को मंत्र मुग्ध कर दिया। अनुष्का तिवारी, भूमि और हेमलता ने विभिन्न गानों पर नृत्य प्रस्तुत कर अपनी कला का प्रदर्शन किया।

इसके बाद भाग्या दीक्षित ने “बंसीधर की आस छोड़कर पांचाली एक पंच लगाना” जैसी मारक कविता पाठ कर महिलाओं और बेटियों को सेल्फ डिफेंस का संदेश दिया।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रोफेसर शाह अयाज सिद्दीकी ने कहा कि “मैं चम्बल की प्रतिभाओं को देखकर मंत्रमुग्ध हो गया हूँ, और मैं यहाँ दोबारा आना चाहता हूँ।” “धौलपुर में जितना मेन्टल पीस है वह और कहीं नहीं है।” चम्बल घाटी में विकास के लिए प्रतिबद्ध और पर्यावरणविद कर्नल नीलेश ने कहा कि “यह कार्यक्रम धौलपुर की विकास यात्रा में चार चांद लगा देगा, हम यहां के लोगों के पोटेंशियल को जानते है नगर परिषद धौलपुर की सभापति खुशबू सिंह ने फिल्मों के महत्व पर चर्चा करते हुए” कोविड के बुरे वक्त में फिल्मों हमे डिप्रेशन से बचाया और एंटरटेन किया” । “इस कार्यक्रम के जरिये मुझे फिल्मी हस्तियों से रूबरू होने का मौका मिला”।

फिल्म अभिनेता मतीन खान ने अपने संबोधन में फिल्मों की अपनी यात्रा का जिक्र करते हुए कहा फ़िल्म “एक सपने की तरह होती है जो काम आप रियल लाइफ के नहीं कर पाए उसे रील लाइफ जी सकते है”।वे आगे कहते है कि कैमरे के सामने आते ही मैं अपनी जाति जिंदगी भूल जाता हूँ”।

कार्यक्रम का संचालन जाने माने होस्ट राशिद हारून व दुर्गा शरण दुबे ने किया। समारोह को सफल बनाने के लिए संजय शर्मा, बाबी सिंह गुर्जर, रागिनी, राहुल शर्मा, मनीषा, नरेंद्र सिंह, आदिल खान, जयंत और शिव कुमार ने विशेष भूमिका निभाई.

राजीव तोमर, ज्योति Lavaniya की चंबल फोटो प्रदर्शनी आकर्षण का केंद्र रही. चंबल अंचल पर केंद्रित दुर्लभ पुस्तकों की प्रदर्शनी लगाई गयी। देर रात तक बिजौली में देर रात तक फ़िल्मों की स्क्रीन चलती रहीं।

 

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