जर्मनी में आई सी एन का हरित घोष

आई सी एन ने रूरल इंटरप्रिन्यूरशिप मिशन को भारत की धरती से प्रारंभ कर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सर्वप्रथम थाइलैंड व तत्पश्चात वियतनाम में अपने वैश्विक विशेषज्ञों व सहयोगियों के माध्यम से वेबिनॉर व वेबिशॉप के माध्यम से सफलतापूर्वक आयोजित किया और इसी श्रृंखला में 18 सितंबर, 2020 को वीस्बॉडन,जर्मनी में अपना तृतीय कार्यक्रम आयोजित किया। वीस्बॉडन,जर्मनी : धरती ‘ग्रीन’ है इसीलिए इस पर जीवन है, इस पर आप हैं और हम हैं। इसीलिए यहाँ सपने हैं, संभावनाएं हैं और भूख है। ‘जीवन’, ‘जीविका’ व ‘संभावना’, शायद यह दुनिया का सबसे…

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उर्दू शायरी में ‘ख़्वाब’: 1

तरुण प्रकाश श्रीवास्तव, सीनियर एग्जीक्यूटिव एडीटर-ICN ग्रुप अगर ख़्वाब नहीं होते तो शायद हम इंसान भी नहीं होते। आदमी ख़्वाब देखता है लेकिन जानवर कभी ख़्वाब नहीं देखते। आदमी और जानवर के बीच सिर्फ़ ‘ख़्वाब’ ही मौजूद हैं। हर तरक्की के पीछे हमेशा किसी का कोई ख़्वाब ही पोशीदा है। धरती पर सृष्टि के जन्म लेने से आज तक के सफ़र में करोड़ों अरबों ख़्वाब हैं जो लोगों की आँखों के समंदर में किसी किश्ती कि तरह तैरे और जिसमें से कुछ को तो किनारा मिला और बाकी को समंदर…

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गीत-गीता : 20

तरुण प्रकाश श्रीवास्तव , सीनियर एग्जीक्यूटिव एडीटर-ICN ग्रुप    (श्रीमद्भागवत गीता का काव्यमय भावानुवाद) तृतीय अध्याय (कर्म योग) (छंद 01-43)   श्रीकृष्ण : (श्लोक 16-21)   पार्थ! जो पुरुष सृष्टि का चक्र न समझे, करे कर्म आचार। करे जो रमण भोग में मात्र, पूर्ण जीवन उसका बेकार।।(16)   किंतु कर्तव्य नहीं कुछ और, अगर जन रहे आत्म में लीन। रहे संतुष्ट सदा हर भाँति, तृप्ति के साथ रहे तल्लीन।।(17)   कर्म करना, न करना कर्म,  प्रयोजन उसका एक समान। विरत रहता निज हित से और, स्वार्थ से वंचित मनुज महान ।।(18)…

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