अज़ाब कुदरत का-1

मोहम्मद सलीम खान, सीनियर सब एडिटर-आईसीएन ग्रुप   सहसवान/बदायूं:  इस वक्त लगभग दुनिया के सभी बड़े और ताकतवर देश कोरोना वायरस के संक्रमण के खौफ के साए मे ज़िन्दगी गुज़ार रहे हैं। दुनिया मैं वायरस का संक्रमण लगभग 785,000 लोगों को हो चुका है और पूरी दुनिया मैं लगभग 37000 लोगों की मौत हो चुकी है और लगभग 165000 लोगों को इस महामारी से बचा लिया गया है।अमेरिका जैसा महाशक्तिशाली राष्ट्र मे सबसे अधिक लगभग 163000 लोग इस महामारी से पीड़ित हैं। आज इस महामारी के इतना विशाल रूप धारण करने…

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कोरोना वायरस : त्रासदी में शगुन-1

तरुण प्रकाश श्रीवास्तव , सीनियर एग्जीक्यूटिव एडीटर-ICN ग्रुप  विश्व आज भयानक त्रासदी की ओर फिसल रहा है। हम सब संभव-अंसभव के मध्य खिंची महीन रेखा पर बार बार असंतुलित होते संतुलन को बनाये रखने के अथक प्रयास में जी जान से लगे हैं। मनुष्य की विकृति ने आज उसे उसकी औकात बता दी है। इसमें कोई संदेह नहीं है कि आज संपूर्ण विश्व उस बिंदु पर खड़ा है जहाँ मात्र हमारी समझदारी, आत्मविश्वास, सतर्कता, सावधानी और अनुशासन ही हमारे सुरक्षा कवच हैं। जहाँ विश्व के बड़े-बड़े एवं पूर्ण विकसित देश कोरोना…

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देश व समाज की मदद करने में सदैव तत्पर एसजेवीएन पीएम केयर्स फण्ड में पाँच करोड़ रुपये का अंशदान देगा।

चंद्रकांत पाराशर, सीनियर एसोसिएट एडिटर-ICN ग्रुप  शिमला: 30 मार्च, 2020 कोविड-19 एक अति संक्रामक रोग है, जिसने पूरी दुनिया को अपनी पकड़ में ले लिया है। इस बीमारी के फैलने से वायरस से ग्रसित व्यक्तियों की संख्या में रोजाना भारी वृद्धि दर्ज हो रही है। भारत में इसके बढ़ते मामलों की संख्या के परिप्रेक्ष्य में स्वास्थ्य और आर्थिक चुनौतियों को लेकर गंभीर परिदृश्य बन रहा है। एसजेवीएन के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, श्री नंद लाल शर्मा ने बताया कि एक जिम्मेदार कारपोरेट निकाय के रूप में और कोविड-19 के खिलाफ…

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जब इंसान से इंसान डरने लगे

लेखक : डॉक्टर मोहम्मद अलीम, संपादक, आइसीएन ग्रुप नई दिल्ली। आज देश व्यापी लोक डाउन का पांचवां दिन है। यह सिलसिला अगले १५ अप्रैल तक जारी रहने वाला है। आज तक के आंकड़े के मताबिक भारत में अबतक तीस लोगों की मौत कोरोनावायरस से हो चुकी है और एक हजार से ज़्यादा लोग इस बीमारी से पीड़ित हैं। पूरी दुनिया में यह आंकड़ा तीस हजार को पार कर चुका है। बड़े बड़े शक्तिशाली देश इसके आगे पस्त दिखाई दे रहे हैं जैसे अमेरिका, फ्रांस, चाइना, इटली, स्पेन और इंग्लैंड वगैरह।…

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कोरोना वायरस : मैं समय हूँ

तरुण प्रकाश श्रीवास्तव , सीनियर एग्जीक्यूटिव एडीटर-ICN ग्रुप  मेरे बच्चों, जब से सृष्टि बनी हेै, मैं उपस्थित हूँ । मैं तो सृष्टि के निर्माण से भी पहले अपना अस्तित्व प्राप्त कर चुका था क्योंकि महा अंधकारमय शून्य में महाविस्फोट से गाडपार्टकिल की व्युत्पत्ति का भी तो अकेला मैं ही प्रत्यक्षदर्शी हूँ। ये अनंत आकाश गंगायें, ये सहस्रों ब्रह्माण्ड, ये सूरज, ये ग्रह, ये चांद, ये सितारे और यह धरती, मैं सबके निर्माण व विकास का अकेला साक्षी हूँ। मैं कभी नहीं ठहरा। ठहरना मेरी नियत ही नहीं हेै। सदेैव चलते रहना…

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गुड पेरेंटिंग: आज और भविष्य की ज़रूरत

डॉ. प्रांजल अग्रवाल, एसोसिएट एडिटर-ICN ग्रुप लखनऊ। भौतिकता के इस दौर में, मकान हो या मोटर कार, क्रेडिट कार्ड हो या विदेश यात्रा, सभी भौतिक वस्तुओं तक लगभग सभी की पहुँच होती जा रही है | देखा- देखी के इस दौर में, किसी ज़रूरतमंद की मदद करने से बेहतर, लोग शादी-पार्टी में अथवा गोल्ड लाउन्ज में सिनेमा देखने में अत्यधिक खर्च करना बेहतर समझते हैं | दिखावे का माहोल ऐसा बन पड़ा है की शहर में बड़े मकान से ले कर मोटर कार तक, या फिर मोबाइल फ़ोन से ले कर घड़ी/पर्स…

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कोरोना वायरस : यह तीसरा विश्वयुद्ध है

तरुण प्रकाश श्रीवास्तव , सीनियर एग्जीक्यूटिव एडीटर-ICN ग्रुप बचपन में एक‌ कहानी पढ़ी थी। एक राजा के दरबार में एक जादूगर पहुँचा और अपनी जादुई कलाकारी के प्रदर्शन से सबको मुग्ध करने के बाद जब राजा ने उससे कुछ मांगने के लिये कहा तो उसने कहा,” हे राजन्! मुझे एक शतरंज के प्रत्येक खाने में दोगुने करते हुये चावल प्रदान करें।” राजा ने सोचा कि कुल मुट्ठी भर चावल ही होेंगे किंतु जब चावलों की गणना हुई तो उसके राज्य का कुल चावल भी कम पड़ गया लेकिन जादूगर की झोली…

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बाबूराव विष्णु पराड़कर जी पत्रकारिता के आदर्श स्तम्भ

संदीप कुमार सिंह • मीडिया विमर्श राजनैतिक मुद्दों पर बहुत ही सगजता से सरल भाषा में लेख लिखने में माहिर पत्रकारों की फेहरिस्त में पराड़कर जी का नाम सबसे उपर आता है। स्वतंत्रता संग्राम के दौरान हिंदी पत्रकारिता को जनजागरण के रुप में इस्तेमाल करने वाले पत्रकार के रुप में भी पराड़कर जी का नाम शुमार हैं। सम्पादकाचार्य पण्डित बाबूराव विष्णु पराड़कर भारत, भारतीय और भारतीयता के  उन्नायक थे। राष्ट्र की मुक्ति और समाज की सर्वांगीण उन्नति के लिए इन्होंने 50 वर्षो तक प्रचंड साधना की। राष्ट्रीय जागरण, राष्ट्रभाषा की गौरव…

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मशाल बनाम कुल्हाड़ी

तरुण प्रकाश श्रीवास्तव , सीनियर एग्जीक्यूटिव एडीटर-ICN ग्रुप  आखिर एक समाज में पत्रकारिता की क्या भूमिका होनी चाहिए? क्या मात्र तथ्य को तथ्य रूप में प्रस्तुत से और सत्य को सत्य कहने से पत्रकारिता की भूमिका का निर्वहन हो जाता है अथवा पत्रकारिता इससे भी आगे की चीज है? ‘समाज कैसे यात्रा करता है?’ प्रश्न रोचक था लेकिन अत्यंत गंभीर भी। जब यह प्रश्न मेरे सामने आया था तो कुछ देर तक तो मैं मात्र प्रश्न को समझने और उसकी तह में जाने की कोशिश करता रहा और कुछ पलों के…

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राष्ट्र प्रेम और इस्लामी मान्यताएं

डा. मोहम्मद अलीम, संपादक, आईसीएन ग्रुप नई दिल्ली: भारत दुनिया का अकेला ऐसा देश है जहां हिंदू और मुसलमान एक साथ बहुतायत की संख्या में सारे दुखों और सुखों के साथ सदियों से रहते आए हैं। भिन्नताएं भी रही हैं। खान-पान, संस्कृति एवं रीति रिवाज के मामले में। मगर एक साझी संस्कृति भी इसी के मेल से विकसित हुई जिसे हम हिंदुस्तान की साझी संस्कृति या विरासत के नाम से जानते हैं। जिसमें हमारे खान-पान, भाषा, पहनावा, रीति रिवाज, धार्मिक पद्धतियां अलग होते हुए भी कहीं न कहीं एक जगह…

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