लखनऊ।भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) के पूर्व राज्यसभा सदस्य व वरिष्ठ स्तंभकार राजनाथ नाथ सिंह ‘सूर्य’ का लखनऊ में निधन हो गया। ‘सूर्य’ का पार्थिव शरीर किंग जार्ज मेडिकल विश्वविद्यालय, लखनऊ में रखा जाएगा। सूर्य ने मेडिकल कालेज को अपना देहदान किया था। उनके निधन की सूचना पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ ही डिप्टी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा, चिकित्सा शिक्षा मंत्री आशुतोष टंडन, लखनऊ की मेयर संयुक्ता भाटिया के साथ वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी तथा नेता उनके आवास पर पहुंचे और उनको अंतिम विदाई दी। राजनाथ सिंह सूर्य के निधन की सूचना के भाजपा के दिग्गज नेताओं के साथ पत्रकारिता जगत भी स्तब्ध रह गया। राजनाथ सिंह सूर्य के निधन की खबर मिलते ही सुबह से आवास पर पत्रकार जगत के साथ ही राजनेताओं के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया। सभी ने शोक संतप्त परिवार को अपनी सांत्वना दी।उन्होंने लोकसभा चुनाव 2019 से पहले ही मीडिया के पक्ष में जोरदार अभियान चलाया था। उनका मानना है कि हर विषय पर मीडिया को झूठा सिद्ध करने का प्रयास किया जाता है। उन्होंने कहा कि जिनका अस्तित्व समाप्त हो रहा है, वे तो अपनी खीझ मिटाने के लिए इस तरह की बातें करते हैं। यह खुद की आत्महत्या करने जैसी बात है। इससे उनका खुद का नुकसान हो रहा है। जिसका राजपाट छिनता है, वह गाली तो दे ही सकता है। उन्होंने कहा कि इस समय चाहे लोग अच्छा कहें या बुरा कहें, सबकुछ दिखाने की छूट है।राजनाथ सिंह ‘सूर्य’ का जन्म 03 मई 1937 को अयोध्या से छह किलोमीटर दूर ग्राम जनवौरा के एक सामान्य किसान परिवार में हुआ। उनकी प्रारम्भिक शिक्षा आर्यसमाज के विद्यालय में हुई और बाल्यावस्था में ही वह राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सम्पर्क में आये। देश के स्वतंत्रता संग्राम के साथ ही संघ कार्य का दायित्व निभाया। इसके बाद गोरखपुर विश्वविद्यालय से 1960 में एमए करने के बाद वह तत्कालीन प्रान्त प्रचारक भाउराव देवरस की प्रेरणा से संघ के प्रचारक बने। राजनीतिक सोच और वैचारिक स्पष्टता के कारण उन्हें पत्रकारिता और राजनीति दोनों ही क्षेत्रों में सफलता मिली। देश के दिग्गज नेता भी उनकी लेखनी का लोहा मानते रहे। हिन्दी पत्रकारिता के क्षेत्र में अपने लम्बे अनुभव के कारण उनका नाम हमेशा से ही बड़े आदर के साथ लिया जाता रहा। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश महामंत्री का भी दायित्व संभाला। वह 1996 से 2002 तक राज्यसभा सांसद भी रहे। राजनाथ सिंह ‘सूर्य’ के दो बेटे और एक बेटी हैं। राजनाथ सिंह अपने लेखन के जरिए पत्रकारिता जगत में सक्रिय रहे। वह लगातार समसामयिक मुद्दों पर लेखन के जरिए अपने विचार व्यक्त करते रहे। उनकी ‘अपना भारत’ पुस्तक पाठकों के बीच आज भी बेहद लोकप्रिय है। इसमें उन्होंने ‘मजहबी उन्माद में वोट देना यानी आत्मघात’, ‘चुनाव आस्था बनाम मोल भाव के बीच’, ‘राम मंदिर बनाम राम जन्मभूमि मंदिर’, ‘मुस्लिम मतदाता किधर और क्यों’, ‘डॉक्टर लोहिया ने कहा था गोली चलाने वाली सरकार इस्तीफा दे’ जैसे अहम मुद्दों पर बेबाकी से अपनी राय रखी।राजनाथ सिंह ‘सूर्य’ का निधन पत्रकारिता जगत की बहुत बड़ी क्षति है। राजनाथ सिंह सूर्य हिन्दुस्तान समाचार, बहुभाषी न्यूज एजेंसी लखनऊ से पत्रकारिता की शुरुआत की। कई वर्षों तक ‘आज’ समाचार पत्र के ब्यूरो प्रमुख रहे। 1988 में वह ‘दैनिक जागरण’ के सहायक सम्पादक बने और बाद में ‘स्वतंत्र भारत’ के सम्पादक भी रहे। इसके बाद स्वतंत्र पत्रकारिता के माध्यम से हमेशा अपनी लेखनी को धार देते रहे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वरिष्ठ पत्रकार एवं पूर्व राज्यसभा सांसद राजनाथ सिंह ‘सूर्य’ के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। दिवंगत के परिजनों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि श्री राजनाथ सिंह ‘सूर्य’ ने हमेशा जन सरोकारों को प्राथमिकता दी।
Related posts
-
आओ थोड़ा करीब से जानें गाँधी को
सुरेश ठाकुर, कंसल्टिंग एडिटर-ICN बरेली : महात्मा गाँधी को लेकर आज देश में भ्रम का वातवरण... -
October 1, 2023 ICN हिंदी Comments Off on होम्योपैथिक डाक्टर अपनी मांगो को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर
होम्योपैथिक डाक्टर अपनी मांगो को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर
भोपाल: विषय- दिनांक 29-09-2023 से प्रदेश के शासकीय होम्योपैथिक महाविद्यालय परिसर में अनिश्चित कालीन धरना प्रदर्शन... -
September 27, 2023 ICN हिंदी Comments Off on एसजेवीएन के 60 मे०वा०नैटवार-मोरी प्रोजेक्ट की मैकेनिकल स्पिनिंग सफलतापूर्वक संचालित
एसजेवीएन के 60 मे०वा०नैटवार-मोरी प्रोजेक्ट की मैकेनिकल स्पिनिंग सफलतापूर्वक संचालित
चन्द्रकान्त पाराशर, एडीटर-ICN शिमला : उत्तराखंड के मोरी में एसजेवीएन की 60 मेगावाट की नैटवाड़ मोरी...