मंगलवार तक नहीं मिलेगी उत्तर भारतीयों को गर्मी से राहत: मौसम विभाग

नई दिल्ली। केरल तट पर मानसून ने एक हफ्ते की देरी से दस्तक तो दे दी है, लेकिन देश के कई इलाकों में गर्मी का प्रकोप अभी भी जारी है। उत्तर भारत के लोगों को गर्मी से राहत नहीं मिलेगी, यहां 11 जून के बाद ही मानसून के आने की संभावना है। उत्तर भारत के मैदानी इलाकों के अलावा मध्य भारत और दक्षिण भारत में भी गर्मी का कहर जारी है और यहां पारा 45 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंच चुका है।  यहीं नहीं राजस्थान में तो तापमान 50 डिग्री सेल्सियस के भी पार जा चुका है। आरएनएस के अनुसार भारतीय मौसम विभाग का कहना है कि करीब एक सप्ताह में केरल से होते हुए देश के अन्य हिस्सों में मानसून पहुंचेगा। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर), हरियाणा और पंजाब में 11 जून के बाद ही प्रचंड गर्मी से राहत मिलेगी, जब पश्चिमी विक्षोभ के कारण बारिश होगी। वहीं, पूर्वोत्तर में मौसम की स्थिति मानसून के अनुकूल होने से असम, मेघालय, नगालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा में भारी बारिश के आसार हैं। देश के अन्य हिस्सों में मानसून के पहुंचने पर ही लोगों को बढ़ते तापमान से राहत मिलेगी। इस समय देशभर में गर्मी पूरे चरण पर है और महाराष्ट्र इस साल गंभीर सूखे की चपेट में है। राज्य के बांधों में महज 7.7 फीसदी पानी बचा है, जो बीते दस सालों में सबसे न्यूनतम स्तर है। मध्य प्रदेश में देवास के पंजापुरा वन क्षेत्र में 9 बंदरों की गर्मी के चलते मौत हो गई। बीते कुछ दिनों से यहां पारा 45 डिग्री के पार पहुंच गया है।वहीं, इस भीषण गर्मी का असर पश्चिम और दक्षिणी राज्यों के जलाशयों पर भी पड़ा है। इन इलाकों में देश के प्रमुख जलाशयों का जलस्तर काफी नीचे चला जाता है जिसकी वजह से महाराष्ट्र और राजस्थान सहित आसपास के तमाम सूखा ग्रस्त इलाकों में जल संकट की समस्या गहरा जाती है। गौर है कि देश का ज्यादातर हिस्सा सिंचाई के लिए मानसून पर निर्भर है। इसलिए इसका बेसब्री से इंतजार किया जाता है। ग्रामीण भारत का अधिकांश हिस्सा सिंचाई के लिए चार महीने के मानसून पर आश्रित रहता है।

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