काठमाण्डू। नेपाल के कंचनजंगा पर्वत के शिखर के पास दो भारतीय पर्वतारोहियों के मौत की खबर है। इन्हें बचाने के लिए काफी प्रयास किए गए लेकिन इन्हें बचाया नहीं जा सका। इसकी जानकारी अभियान के आयोजकों ने दी। काठमांडू में पीक प्रमोटर पासंग शेरपा उनुसार उनमें से एक ने दुनिया की तीसरी सबसे ऊंची चोटी पर कदम रखा था, जबकि दूसरा रास्ते में था, लेकिन बीमार होने से उसकी मौत हो गई। मृतक पर्वतारोहियों की पहचान 48 वर्षीय बिपलब वैद्य और 46 वर्षीय कुंतल करार के तौर पर हुई है। वह 8,586-मीटर (28,160-फुट) शिखर से नीचे ही बीमार हो गए थे। उन्हें कैंप में लाने के काफी प्रयास किए गए। बता दें कि सैकड़ों विदेशी पर्वतारोही और उनके गाइड नेपाल में वसंत के समय चढ़ाई के मौसम के दौरान उच्च हिमालयी चोटियों पर चढऩे का प्रयास करते हैं। ये समय मार्च के आसपास शुरू होता है और इस महीने के अंत में चलता है।आपकी जानकारी के लिए बता दें कंचनजंगा सिक्किम-नेपाल सीमा पर 8,586 मीटर ऊंची चोटी फुट ऊँचा, गौरीशंकर (एवरेस्ट) पर्वत के बाद विश्व का तीसरी सर्वोच्च पर्वत शिखर है। इस पर्वत की भूगर्भीय स्थिति हिमालय की मुख्य श्रेणी के सदृश है। यह तिब्बत एवं भारत की जल विभाजक रेखा के दक्षिण में स्थित है। इसीलिए इसकी उत्तरी ढाल की नदियाँ भी भारतीय मैदान में गिरती हैं।
Related posts
-
“आल आइकॉनिक सीनियर सिटीज़न्स एसोसिएशन पुणे” की फतेहपुर उत्तर प्रदेश शाखा का शुभारंभ।
-चन्द्रकान्त पाराशर, दिल्ली एनसीआर फतेहपुर/दिल्ली 2-12-24: वर्तमान में अतिआधुनिकता की बदौलत एकांगी होते परिवारों/संयुक्त परिवारों की... -
थैलेसीमिया दिवस पर विशेष: हीमोग्लोबिन निर्माण की प्रक्रिया के सही काम ना करने से होती है थैलीसीमिया की बीमारी
डॉ अनुरूद्ध वर्मा हर वर्ष 8 मई को अंतर्राष्ट्रीय थैलेसीमिया दिवस मनाया जाता है इसका दिवस... -
उर्दू शायरी में ‘चेहरा’ : 1
तरुण प्रकाश श्रीवास्तव, सीनियर एग्जीक्यूटिव एडीटर-ICN ग्रुप कितना ज़रूरी होता है हर एक के लिये एक...