मेरा पैसा लेकर जेट एयरवेज़ को बचा लो: माल्या

नई दिल्ली। भारत के सरकारी बैंकों से हजारों करोड़ का लोन लेकर लंदन फरार हुए शराब कारोबारी विजय माल्या ने भारतीय बैंकों से अपील की है कि वह उसका पैसा लेकर कर्ज निपटारे की दिक्कतों से जूझ रही जेट एयरवेज को उबार लें. माल्या ने एक के बाद एक ट्वीट कर लिखा, यह देखकर खुशी हुई कि पीएसयू बैंकों ने जेट एयरवेज को नौकरी, कनेक्टिविटी और उद्यम की बचत के लिए जमानत दी है. किंगफिशर के लिए भी सिर्फ यही किया गया था.इसके साथ ही उन्होंने लिखा, भाजपा प्रवक्ता ने पूर्व पीएम मनमोहन सिंह को मेरे पत्रों को पढ़कर सुनाया और आरोप लगाया कि यूपीए सरकार के तहत पीएसयू बैंकों ने किंगफिशर एयरलाइंस का गलत तरीके से समर्थन किया था. मीडिया ने मुझे वर्तमान पीएम के लिए लिखने के लिए उकसाया. मैं हैरान हूं कि एनडीए सरकार के तहत अब क्या बदलाव आ गया है.माल्या ने आगे लिखा- मैंने किंगफिशर एयरलाइंस और उसके कर्मचारियों को बचाने के लिए कंपनी में 4000 करोड़ से अधिक का निवेश किया, जिसे नहीं पहचाना गया. वहीं पीएसयू बैंक भारत की सर्वश्रेष्ठ कर्मचारियों और कनेक्टिविटी वाली बेहतरीन एयरलाइन को विफल कर देते हैं. एनडीए सरकार का दोहरा मापदंड.माल्या ने लिखा, और ये मैं एक बार फिर से दोहराता हूं कि मैंने पीएसयू बैंकों और अन्य सभी लेनदारों को भुगतान करने के लिए माननीय कर्नाटक हाइकोर्ट के समक्ष चल संपत्ति रखी है. बैंक मेरे पैसे क्यों नहीं लेते. यह जेट एयरवेज को बचाने में उनकी मदद करेगा अगर कोई और रास्ता नहीं है तो.फिलहाल जेट एयरवेज पर कुल 26 बैंकों का कर्ज है. इसमें कुछ प्राइवेट और विदेशी बैंक भी शामिल हैं. पब्लिक सेक्टर बैंक में केनरा बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, सिंडिकेट बैंक, इंडियन ओवरसीज़ बैंक, इलाहबाद बैंक शामिल हैं. अब इस लिस्ट में एसबीआई और पीएनबी का नाम भी जुड़ जाएगा. एयरलाइंस पर करीब 8 हजार करोड़ का कर्ज है. जेट के पायलट पहले ही अल्टीमेटम दे चुके हैं कि अगर 31 मार्च तक उनका बकाया नहीं दिया गया तो वह किसी फ्लाइट को नहीं उड़ाएंगे.वहीं माल्या पर बैंकों का लगभग 9400 करोड़ रुपये बकाया है. उनके खिलाफ 17 बैंकों के कंसोर्शियम ने सुप्रीम कोर्ट में पिटीशन दाखिल की थी. माल्या की तरफ से कहा गया है कि तेल के रेट बढऩे, ज्यादा टैक्स और खराब इंजन के चलते उनकी किंगफिशर एयरलाइन्स को 6,107 करोड़ का घाटा उठाना पड़ा था. हालांकि वह अभी करीब 1800 करोड़ रुपए के विलफुल डिफॉल्टर हैं. बाकी बैंक अब भी माल्या के खिलाफ कोर्ट नहीं गए हैं.

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