सज्जन कुमार ने कोर्ट में किया सरेंडर, भेजे गए तिहाड़

नई दिल्ली। 1984 के सिख विरोधी दंगे के मामले में दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा दोषी करार दिए गए पूर्व सांसद तथा कांग्रेस के पूर्व नेता सज्जन कुमार ने सरेंडर कर दिया है। कोर्ट ने उन्हें तिहाड़ जेल भेज दिया है। सज्जन कुमार के वकील के अनुसार कोर्ट ने उन्हें दिल्ली की मंडोली जेल भेजा है। इसके लिए अलग कार की व्यवस्था भी की गई है। आज ही इस मामले के दो और दोषियों पूर्व विधायक महेंद्र यादव और किशन खोखर ने कड़कड़डूमा कोर्ट में सरेंडर कर दिया। सज्जन कुमार को हाईकोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई थी। जबकि महेंद्र यादव और किशन खोखर को 10-10 साल की सजा सुनाई थी। कोर्ट ने महेंद्र यादव को चश्मा और छड़ी रखने की इजाजत दे दी है। सज्जन कुमार ने कड़कड़डूमा कोर्ट की पिछली गेट से प्रवेश कर कोर्ट में सरेंडर किया। हाईकोर्ट ने 31 दिसंबर तक सरेंडर करने का आदेश दिया था। बता दें कि सज्जन कुमार ने दिल्ली हाईकोर्ट से सरेंडर करने के लिए समय देने की मांग की थी जिसे हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया था। हाईकोर्ट के आदेश को सज्जन कुमार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। कड़कड़डूमा कोर्ट के बाहर दंगा पीडि़तों ने सुबह से ही डेरा जमा लिया था। सिख दंगा पीडि़त संघ के अध्यक्ष कुलवंत सिंह ने सज्जन कुमार के सरेंडर करने पर खुशी जताई और न्यायपालिका पर भरोसा जताया। कोर्ट के बाहर दंगा पीडि़तों ने सतश्री अकाल, बोले सो निहाल और देश का कानून जिंदा है के नारे लगाए।सज्जन कुमार के वकील अनिल कुमार शर्मा ने कहा था कि हम उच्च न्यायालय के फैसले का अनुपालन करेंगे। उन्होंने कहा कि उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ उनकी अपील पर 31 दिसंबर से पहले सुनवाई की संभावना नहीं है।दिल्ली उच्च न्यायालय ने 17 दिसंबर को 73 वर्षीय पूर्व सांसद सज्जन कुमार को शेष सामान्य जीवन के लिये उम्रकैद और पांच अन्य दोषियों को अलग अलग अवधि की सजा सुनाई थी और उन्हें 31 दिसंबर तक समर्पण करने का आदेश दिया था। उच्च न्यायालय ने 21 दिसंबर को अदालत में समर्पण की अवधि 30 जनवरी तक बढ़ाने का सज्जन कुमार का अनुरोध अस्वीकार कर दिया था।सिख विरोधी दंगों से संबंधित यह मामला दक्षिण पश्चिम दिल्ली की पालन कालोनी के राज नगर पार्ट-प् में 1-2 नवंबर, 1984 को पांच सिखों की हत्या और एक गुरूद्वारे को जलाने की घटना के संबंध में है। तत्कालीन प्रधानमंत्री इन्दिरा गांधी की 31 अक्टूबर, 1984 को उनकी सुरक्षा में तैनात दो सिख अंगरक्षकों द्वारा गोली मार हत्या करने की घटना के बाद दिल्ली और देश के कुछ अन्य राज्यों में सिख विरोधी दंगे भड़क गए थे।सज्जन कुमार ने उच्च न्यायालय से समर्पण की अवधि बढ़ाने का अनुरोध करते हुए कहा था कि उन्हें अपने बच्चों और संपत्ति से संबंधित कुछ पारिवारिक मसले निबटाने हैं और शीर्ष अदालत में इस फैसले को चुनौती देने के लिये भी समय की आवश्यकता है। सज्जन कुमार के वकील ने बताया कि शीर्ष अदालत में 22 दिसंबर को दायर अपील की त्रुटियों को दूर कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि चूंकि इस समय शीर्ष अदालत में अवकाश चल रहा है, इसलिए इस पर शीर्ष सुनवाई का अनुरोध करने के लिये उल्लेख करने का भी अवसर नहीं है। ऐसी स्थिति में समय का अभाव है।

Share and Enjoy !

Shares

Related posts

Leave a Comment