जर्मनी ने दिया हाईस्पीड ट्रेन का ऑफर, 2.5 घंटे में पूरी होगी 435 किलोमीटर की दूरी

नई दिल्ली। रेलवे ट्रेनों को समय पर चलाने के लिए पूरी कोशिश कर रहा है। इसके साथ ही रेलवे में कई सारे सुधार भी किए जा रहे हैं ताकि यात्रियों को कम से कम परेशानी हो। इसके साथ ही रेलवे दूरी कम करने पर भी ध्यान केंद्रित किए हुए हैं। इसी प्रयास के तहत जर्मनी ने भारतीय रेलवे के सामने एक ऐसे हाईस्पीड रेल नेटवर्क प्रस्ताव रखा है जो बुलेट ट्रेन से भी तेज है। इस ट्रेन से चेन्नई से मैसूर तक की 435 किलोमीटर लंबी दूरी 2.5 घंटों की रह जाएगी। भारत में जर्मनी के राजदूत मार्टिन ने इस प्रस्ताव की व्यावहारिकता को लेकर स्टडी रिपोर्ट भारतीय रेलवे बोर्ड के चेयरमैन अश्वनी लोहानी को सौंप दी है। अगर रेलवे बोर्ड जर्मनी के इस प्रस्ताव को स्वीकार करता है तो 2030 तक यह संभव होगा।  लोहानी ने कहा कि जर्मनी के इस प्रस्ताव की समीक्षा की जा रही है। उन्होंने कहा कि इस तरह के हाई स्पीड रेल नेटवर्क के आने से ट्रैवल टाइम कम होगा और हवाई यात्री रेल में सफर करने की और प्रेरित होंगे। रिपोर्ट्स के मुताबिक चेन्नई-मैसूर रूट पर यह ट्रेन लगभग 320 किलोमीटर की रफ्तार से दौड़ेगी जिससे इस रूट पर यात्रा का समय 7 घंटों से घटकर 2 घंटे 20 मिनट रह जाएगा। जर्मन राजदूत के मुताबिक, यह स्टडी पूरी तरह से जर्मनी सरकार द्वारा की गई है और इसका खर्च भी उन्हीं ने उठाया है। इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने के लिए अनुमानित लागत लगभग 1 लाख करोड़ रुपए आंकी गई है और रोलिंग स्टॉक के लिए अतिरिक्त लागत 150 करोड़ रुपये रहेगी। चेन्नई-अराक्कोनम-बेंगलुरू-मैसूर पूरे रूट पर 85 फीसदी हिस्सा एलिवेटेड होगा और 11 फीसदी में टनल्स होंगे।

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