नई दिल्ली। नई दिल्ली में शुक्रवार को कई बड़े कांग्रेसी नेताओं ने आरबीआई मुख्यालय के सामने बड़ा विरोध-प्रदर्शन किया।यहां तक कि कई नेताओं ने अपनी गिरफ्तारी भी दी।अशोक गहलोत, आनंद शर्मा, मुकुल वासनिक, सुष्मिता देव, भूपिंदर सिंह हूडा, केशव यादव और मनीष चत्रार्थ और नसीब सिंह शामिल रहे।यहां यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने भी जमकर प्रदर्शन किया।कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने नोटबंदी के दो साल पूरा होने के मौके पर बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि यह एक ऐसा ‘क्रूर षड्यंत्र’ था जिसके तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘सूट-बूट वाले मित्रों’ के कालेधन को सफेद किया गया। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि इस योजना को बिल्कुल भी अच्छी तरह से नहीं सोचा गया था।उन्होंने कहा कि ये दिन ये याद करने के लिए है कि अर्थव्यवस्था में ऐसे बुरे फैसले देश को कितना लंबा नुकसान पहुंचा सकते हैं।नोटबंदी का असर यह हुआ कि लाखों युवाओं का रोजगार छिन गया। मध्यम एवं लघु उद्योग बंद हो गए। सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि में भारतीय अर्थ व्यवस्था 1.5 प्रतिशत गिर गई। कई जगह कतार में सैकड़ों खडे़ गरीब लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी। करोड़ों किसान भी नोटबंदी से प्रभावित हुए। मोदी सरकार की ओर से काले धन को खत्म करने और नकली नोटों को बेकार किए जाने के दावों के बीच घोषित नोटबंदी का इन दो सालों में मिला-जुला असर दिखा है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 2016 में हुई नोटबंदी की घोषणा के बृहस्पतिवार को दो वर्ष पूरे होने पर इस कदम को ‘‘विपदा’’ करार दिया। केजरीवाल ने एक ट्वीट कर मोदी सरकार को निशाने पर लेते हुए इसे अर्थव्यवस्था के लिए आघात बताया है।
कांग्रेसी नेताओं ने आरबीआई मुख्यालय के सामने किया नोटबंदी पर विरोध-प्रदर्शन
