भारत में ई रिक्शा की संख्या चीन के कुल इलेक्ट्रिक वीइकल्स से ज्यादा

नई दिल्ली। दुनिया में बढ़ते प्रदूषण को लेकर सजग भारत अब इलेक्ट्रिक वीइकल को बढ़ावा दे रहा है। यह इलेक्ट्रिक क्रांति अभी कारों तक नहीं पहुंची है, फिर भी हमने सिर्फ बैटरी रिक्शा की बदौलत चीन को पछाड़ दिया। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, फिलहाल भारत में करीब 1.5 मिलियन बैटरी रिक्शा चल रहे हैं जो चीन में 2011 से अबतक बेची गईं इलेक्ट्रिक कारों की संख्या से ज्यादा हैं।देश में इलेक्ट्रिक वीइकल्स के सामने अभी लाखों चुनौतियां हैं फिर भी इसपर लोगों का विश्वास बढ़ रहा है। घर के बाहर, गली में, मेट्रो, बस स्टैंड हर जगह ई-रिक्शा आसानी से मिल जाते हैं। यह अबतक चल रहे ऑटो रिक्शा को कड़ी टक्कर दे रहे हैं क्योंकि यह उनके मुकाबले सस्ते, तेज और चलाने में आसान हैं। पैरों से खींचेने वाले रिक्शे इनके आगे कहीं टिकते ही नहीं। उनमें मेहनत और वक्त दोनों ज्यादा लगता है।ए.टी. कर्नी नाम की एक कंसल्टिंग फर्म की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में हर महीने करीब 11,000 नए ई रिक्शा सड़कों पर उतर रहे हैं। जानकार मानते हैं कि यह आनेवाले वक्त में और तेजी से बढऩे वाला क्षेत्र है। बता दें कि वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत के शहर सबसे ज्यादा प्रदूषण फैलाने वाले टॉप 10 शहरों की लिस्ट में शामिल हैं। ऐसे में समय, पैसे की बचत के साथ-साथ ई-रिक्शा प्रदूषण कम करने में भी योगदान देंगे।ई-रिक्शा के साथ-साथ सरकार गाडिय़ों को भी इलेक्ट्रिक करना चाहती है। इसके लिए 2030 तक का लक्ष्य भी रखा गया है। भारत में फिलहाल इलेक्ट्रिक गाडिय़ों को चार्ज करने के लिए कुल 425 पॉइंट हैं जिन्हें सरकार 2022 तक 2,800 करने वाली है। सरकार के अलावा निजी कंपनियां भी पेट्रोल पंपों के साथ मिलकर अपने पॉइंट लगाने की प्लानिंग में हैं।

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