मुंबई। सूचना का अधिकार के जरिए पता चला है कि मुंबई में ट्रेन संबंधी हादसों में जनवरी 2013 से अगस्त 2018 के बीच 18,423 लोगों की मौत हुई है जबकि ऐसी घटनाओं में 18,847 लोग घायल हुए हैं। आरटीआई ऐक्टिविस्ट शकील अहमद द्वारा मांगी गई जानकारी पर मुंबई रेलवे पुलिस के कार्यालय द्वारा बताया गया कि ये घटनाएं यात्रियों के ट्रेन से गिरने, खंभों से लडऩे, रेलवे ट्रैक पार करते वक्त या ट्रेन की छत पर चढऩे की वजह से हुई हैं।आंकड़ों पर गौर करें तो आरटीआई के जवाब में बताया गया है कि 3,506 लोगों की मौत वर्ष 2013 में हुई जबकि 2014 में यह संख्या 3,423 पहुंच गई। 2015 में मरने वालों की संख्या 3,304 थी, 2016 में 3,202 लोग ऐसी दुर्घटनाओं में मारे गए। वर्ष 2017 में 3,014 और इस वर्ष यानी 2018 में शुरुआती 8 महीनों में यह संख्या 1,974 रही। इन आंकड़ों पर वेस्टर्न रेलवे के चीफ पीआरओ रवींद्र भास्कर ने कहा, हमने कई तरीकों से, जैसे कि फुट ओवर ब्रिज के निर्माण के जरिए इन आंकड़ों को नीचे लाने का प्रयास किया है। यही नहीं, फेंसिंग कराकर, जहां ज्यादा दुर्घटनाएं होती हैं वहां पर हवाई सर्वेक्षण और यात्रियों की काउंसलिंग कराकर दुर्घटनाओं पर लगाम लगाने का प्रयास किया है। एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि इन आंकड़ों में वे भी शामिल हैं, जिन्होंने ट्रेन के सामने कूदकर आत्महत्या की। आरटीआई ऐक्टिविस्ट अहमद का कहना है कि रेलवे को और कारगर कदम उठाने चाहिए ताकि ट्रैक पर होने वाली मौतों को रोका जा सके। उन्होंने कहा, इन मामलों में रेलवे बॉम्बे हाई कोर्ट के आदेशों को नहीं मानती। यह संख्या तब घटेगी जब रेलवे के आला अधिकारियों को बाध्य किया जाए कि वे भी ट्रेनों में ही यात्रा करें।
2013-2018 के बीच 18,400 से ज्यादा लोगों ने गंवाई ट्रेन हादसों में जान
