जेट एयरवेज में हिस्सेदारी खरीदेगा टाटा ग्रुप

मुंबई। देश की सबसे बड़ी बिजनस एंटिटी टाटा ग्रुप ने संकटग्रस्त जेट एयरवेज में बड़ी हिस्सेदारी खरीदने के लिए शुरुआती बातचीत की है। इस मामले की जानकारी रखनेवालों ने यह बताया। नरेश गोयल की जेट एयरवेज पायलटों को सैलरी देने में देर कर चुकी है। उसे अन्य कर्मचारियों को भी वेतन + में देने में मुश्किल हो रही है। ऐसे में यह एविएशन कंपनी अपनी हिस्सेदारी बेचने की फिराक में है। लेकिन, टाटा ग्रुप की पैरंट कंपनी टाटा संस चाहती है कि जेट का प्रबंधकीय नियंत्रण उसके हाथ में आ जाए।टाटा दो जॉइंट वेंचर्स के जरिए एविएशन सेक्टर में पहले से ही उतरी हुई है। उसका पहला वेंचर सिंगापुर एयरलाइंस के साथ है जो विस्तारा का संचालन करती है जबकि दूसरे वेंचर से एयर एशिया का संचालन होता है। विस्तारा फुल सर्विसेज करियर है जिसका जेट से सीधा मुकाबला होता है। जेट के साथ डील हुई तो टाटा को ज्यादा रूटों, ज्यादा जहाजों और ज्यादा मार्केट शेयर के जरिए अपना एविएशन बिजनस मजबूत करने में मदद मिलेगी। हालांकि, टाटा संस के प्रवक्ता ने इस खबर पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया जबकि जेट एयरवेज के प्रवक्ता ने इस रिपोर्ट को पूरी तरह अटकलबाजी करार दिया।प्रबंधन के अधिकार और जेट के चेयरमैन नरेश गोयल की भविष्य में भूमिका जैसे कुछ पेचीदा मसलों से डील की बातचीत लंबी खिंच सकती है। हालांकि, दोनों पक्ष इस बातचीत को आगे बढ़ाने को इच्छुक हैं। नरेश गोयल और उनकी पत्नी अनिता के पास जेट का 51 प्रतिशत शेयर है। उन्होंने टीपीजी के साथ एक दौर की बात की थी, लेकिन कंट्रोलिंग राइट्स को लेकर ही यह आगे नहीं बढ़ पाई।टाटा ग्रुप भी गोयल और उनकी पत्नी से कम-से-कम 26 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदना चाहेगा। इससे उसके पास जेट के अन्य शेयरधारकों से और 26 प्रतिशत शेयर खरीदने का मौका बन जाएगा। जेट में एतिहाद एयरवेज की 24 प्रतिशत हिस्सेदारी है। इसी महीने अबू धाबी की इस कंपनी ने जेट की वित्तीय स्थिति सुधारने के मकसद से जेट को 3.5 अरब डॉलर दिए थे। अब अगर टाटा के साथ जेट की बातचीत पक्की हो गई तो एतिहाद भी जेट की अपनी पूरी या आंशिक हिस्सेदारी बेच सकती है।

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