नई दिल्ली। रोहिंग्याओं को वापस म्यांमार भेजने का सिलसिला जारी रहेगा। सरकार अब रोहिंग्याओं के दूसरे बैच को भेजने की तैयारी कर रही है। इससे पहले भारत सरकार ने अवैध रूप से घुसपैठ करने वाले सात रोहिंग्याओं को वापस म्यांमार भेज दिया था। यह पहली बार था, जब भारत सरकार ने अवैध रोहिंग्या घुसपैठियों को उनके देश म्यांमार वापस भेजा था। अब केंद्र सरकार असम सरकार के साथ मिलकर 23 अवैध रोहिंग्या घुसपैठियों को वापस म्यांमार भेजने की तैयारी कर रही है। एक खबर के मुताबिक गृह मंत्रालय के सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि इन 23 रोहिंग्याओं की पहचान कर ली गई है। फिलहाल इनको असम के सिलचर, गोलपारा और तेजपुर इलाके के डिटेंशन कैंपों में रखा गया है। सूत्रों ने बताया कि असम पुलिस ने इन रोहिंग्याओं की नागरिकता का वेरिफिकेशन पूरा कर लिया है। इन रोहिंग्याओं ने अपने देश म्यांमार वापस भेजे जाने पर सहमति भी दे दी है। असम पुलिस ने इन रोहिंग्याओं की सूची भी साझा की है। सूत्रों के मुताबिक गृह मंत्रालय ने विदेश मंत्रालय की मदद से म्यांमार प्रशासन से संपर्क किया है, ताकि इन रोहिंग्याओं के घर के पते की पुष्टि की जा सके। एक अधिकारी ने बताया कि एक बार इन रोहिंग्याओं के घर के पते की पुष्टि हो जाने के बाद भारत सरकार म्यांमार से इनको वापस लेने और इनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपील करेगी। सूत्रों ने यह भी बताया कि सब कुछ फाइनल होने के बाद इन रोहिंग्याओं को वापस भेजने की तारीख भी तय कर दी जाएगी। उन्होंने बताया कि इनको वापस भेजने में म्यांमार की नोडल एजेंसी भारतीय अधिकारियों का सहयोग कर रही है। भारत सरकार ने पिछले साल संसद में बताया था कि संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी यूएनएचसीआर में पंजीकृत 14,000 से अधिक रोहिंग्या भारत में रहते हैं। हालांकि मदद प्रदान करने वाली एजेंसियों ने हिंदुस्तान में अवैध रूप से रहने वाले रोहिंग्याओं की संख्या 40,000 बताई है।
अब रोहिंग्याओं का दूसरा बैच भेजा जाएगा म्यांमार
