By: Hemant Kumar, Special Correspondent-ICN Group
कानपुर। चन्द्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्मोगिक विश्वविद्मालय कानपुर में आयोजित अखिल भारतीय किसान मेला एवं कृषि उद्योग प्रदर्शनी का उद्घाटन मुख्य अतिथि सूर्य प्रताप शाही मा. मंत्री कृषि, कृषि शिक्षा एवं अनुसंधान उत्तर प्रदेश सरकार, डॉ यू.एस. गौतम निदेशक आईसीएआर-अटारी कानपुर, जोन –4. एवं विश्वविद्मालय के कुलपति डा. सुशील सोलोमन के कर कमलों द्वारा संपन्न हुया । यह किसान मेला 13 -10-2018 से 16-10-2018 तक चलेगा । इस किसान मेले में 100 से ज्यादा स्टाल जिसमें 30 विश्वविद्मालय ,10 सरकारी एवं 60 प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के स्टाल लगाये गये । जिसमें कृषि से संबंधित जानकारी किसानों को कृषि वैज्ञानिकों द्वारा दी जा रही है। और किसानों को बीज भी दिया जा रहा है। आज लगभग 30 से 35 लाख रूपये का बीज किसानों द्वारा खरीदा गया और आज विभिन्न जनपदों से 9 किसानों को सम्मानित किया गया ।
चन्द्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय कानपुर, भारत में उत्तर प्रदेश राज्य के कानपुर जिले में स्थित एक कृषि विश्वविद्यालय है। इसका नामकरण कानपुर के प्रसिद्ध क्रांतिकारी चंद्रशेखर आज़ाद के नाम पर किया गया है। इसमें पाँच संकाय हैं। कृषि तथा गृह विज्ञान के संकाय कानपुर में हैं तथा कृषि अभियंत्रिकी और तकनीक का संकाय, मत्स्य संकाय, और दुग्ध संकाय इटावा में है। यह विश्वविद्यालय उत्तर प्रदेश के २९ जिलों में कृषि समुदायों की आवश्यकताओं की देखभाल करता है। किसान मेले में आधुनिक तकनीकि के प्रति करेंगे जागरुक 4 दिवसीय किसान मेले में कृषि की आधुनकि तकनीकि के प्रति जागरुक किया जाएगा। जिससे किसान कम लागत में किसान अधिक से अधिक मुनाफा कमा सके। लघु एवं सीमांत किसानों की स्थिति दयनीय है। ऐसे किसानों का विकास बेहद जरूरी है।
किसानों के विकास के लिए ई-प्लेटफार्म उपलब्ध कराया जाएगा। जिससे किसान और उपभोक्ता का सीधा सम्पर्क हो सकेगा। ई- प्लेटफार्म से बिचौलियों की भूमिका समाप्त होगी। जिससे किसानों को फसल का सही मूल्य मिल सकेगा। उन्होंने बताया कि किसान मेले में किसान हित में चल रही विभिन्न योजनाओं के बारे में जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी। इस मेले में आपको कृषि क्षेत्र की सभी जानकारियां मिलेंगी.15 oct 2018 के दौरान mahila kishan diwas का आयोजन किया जाएगा।उन्होंने बताया कि 4 दिवसीय अखिल भारतीय किसान मेला एवं कृषि उद्योग प्रदर्शनी में देश के विभिन्न हिस्सों से हजारों की संख्या में प्रगतिशील किसानों के जुटने की उम्मीद है। मेले में न सिर्फ भारतीय राज्य कृषि विश्वविद्यालयों, , सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों, गैर सरकारी संगठनों के लोग हिस्सा लेंगे। संबंधित संस्थाओं एवं संगठनों के स्टॉल पर उनके उत्पादों की प्रदर्शनी लगी।मेले में मिट्टी एवं पानी की मुफ्त जांच का लाभ भी किसान उठा पाएंगे।
फसलों की क़िस्मों, फसलों की अवधि, फसलों को पानी, उर्वरक और कीटनाशक इत्यादि की आवश्यकता आदि ऐसे विषय हैं जिन पर कृषि वैज्ञानिक लगातार काम कर रहे हैं। लेकिन इस पर और अधिक ध्यान केन्द्रित करने की ज़रूरत है। अखिल भारतीय किसान मेला एवं कृषि उद्योग प्रदर्शनी के माध्यम से किसानों की प्रतिक्रिया पर आधारित योजनाएँ तैयार करना आसान होता है। देश के कई किसान भी अनुभव और उपलब्ध संसाधनों के आधार पर नई तकनीकि विकसित कर रहे हैं। ऐसे किसानों के विचारों से देश के अन्य किसानों को अवगत कराने के लिए भी अखिल भारतीय किसान मेला एवं कृषि उद्योग प्रदर्शनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।