उत्तर प्रदेश की शालिनी आज बनेगी यूरोपीय यूनियन प्रतिनिधि मण्डल की सांकेतिक राजदूत

लखनऊ: ग्यारह अक्टूबर को अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर उत्तर प्रदेश के आंबेडकरनगर जिले की 22 वर्षीय युवती नई भूमिका का प्रभार ग्रहण करेंगी। शालिनी एक दिन के लिए यूरोपीय यूनियन प्रतिनिधि मंडल की सांकेतिक राजदूत बनेंगी। यह लड़की 10 राज्योंह की उन 17 लड़कियों में शामिल हैं, जो लड़कियों और युवा महिलाओं को समानता, स्वकतंत्रता और शक्ति का प्रभावशाली संदेश देने के लिए 17 देशों के राजदूत और उच्चायुक्तों की जिम्मेदारी संभालेंगी। शालिनी का अब तक का सफर आसान नहीं रहा है। उन्होंने अपने परिवार में पुरुषों के प्रभुत्व को चुनौती देते हुए बाल विवाह करने का विरोध किया और शिक्षा ग्रहण की। वे सही मायनों में बाल अधिकारों की प्रबल समर्थक बनकर उभरीं और बालश्रम के विरुद्ध लड़ाई लड़ी। वे बच्चों की शिक्षा और बाल विवाह के खिलाफ जागरूकता फैलाने में सक्रिय रूप से काम करती रही हैं। वे अपने गांव में 12 बाल विवाह रुकवाने में सफल रही हैं। उन्हें रानी लक्ष्मीबाई वीरता अवॉर्ड 2018 (बाल विवाह के विरोध करने के लिए) और क्लीनिक प्लस इंस्पिरेशन अवॉर्ड 2014 (लड़कियों को शिक्षा के लिए प्रोत्साहित करने हेतु)समेत कई सम्मान मिल चुके हैं। यह प्रभार मिलने पर शालिनी ने कहा कि दिल्ली आकर यूरोपियन यूनियन के प्रतिनिधि मंडल में बतौर राजदूत का पदभार ग्रहण करना मेरे लिए गर्व का क्षण है। मैं यह अवसर स्वीकार करूंगी ताकि अपनी साथी लड़कियों को बता सकूं कि वे अपने अधिकारों के लिए सामने आएं, लड़ें और समाज में बदलाव लेकर आएं। घर से बाहर निकलने से आपकी विचारधारा को नई दिशा मिलती है और इससे आप अपने परिवार के भविष्य के बारे में बेहतर तरीके से विचार कर सकते हैं। यह सांकेतिक पदभार ग्रहण प्लाआन इंडिया द्वारा भारत में यूरोपीय यूनियन के प्रतिनिधिमंडल एवं नई दिल्लीक में 16 अन्यइ राजनयिक मिशन के सहयोग से आयोजित किया गया है। इन राजनयिक मिशनों में ऑस्ट्रे लिया, बेल्जिडयम, कनाडा, चेक गणराज्यह, एस्टोरनिया, फिनलैंड, इस्राइल, जर्मनी, नीदरलैंड, पोलेंड, स्पेऑन, स्लो वेनिया, स्वीडन, स्विटजरलैंड, डेनमार्क और अमेरिका शामिल हैं। वैश्विक स्तर पर, प्लान इंटरनेशनल ने गर्ल्सटेकओवर प्रयास को एक साहसिक नए अभियान के रूप में लॉन्च किया है जो लड़कियों की शक्ति, सक्रियता और नेतृत्व में बढ़ते निवेश को लेकर आवाज़ उठाता है। यह लैंगिक समानता के लिए लड़कियों की अगुआई वाला दुनिया का सबसे बड़ा अभियान है। अंतरराष्ट्री य बालिका दिवस के अवसर पर 70 से अधिक देशों में 1000 से ज्यादा गर्ल्सटेकओवर कार्यक्रम आयोजित किए गए। यहां, लड़कियों ने ऐसे भेदभावऔर असमानताओं के खिलाफ अपनी आवाज उठाई जो उन्हें आगे बढ़ने से रोकते हैं।लिंग समानता को हासिल करना उन वैश्विबक लक्ष्यों  (एसडीजी5) में से एक है, जिस पर 2015 में दुनिया भर के नेताओं ने अपनी सहमति दर्ज की थी। जिसमें 2030 तक दुनिया को बदलने का वादा किया गया था। प्लाओन इंटरनेशनल के प्रयासों के चलते ही संयुक्त राष्ट्र ने अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस को अंतरराष्ट्री य दिवस के रूप मान्य ता प्रदान की। छठवें अंतरराष्ट्री य बालिका दिवस के मौके पर प्ला न इंडिया लड़कियों को समान अधिकार दिलाने के लिए उनके साथ खड़ा है। 

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