रुपये की कमजोरी से डरे विदेशी निवेशक

नई दिल्ली। लगातार कमजोर हो रहे रुपये का प्रभाव अब विदेशी निवेशकों पर भी पडऩे लगा है। रुपये में गिरावट और कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों से डरे विदेशी निवेश बेहद परेशान नजर आ रहे हैं। आंकड़े बता रहे हैं कि भारतीय पूंजी बाजार से पिछले चार कामकाजी दिवसों में 9,355 करोड़ रुपये निकाल लिए गए हैं। गौरतलब है कि सितंबर माह में भी भारतीय पूंजी बाजार (शेयर एवं डेट) से विदेशी निवेशकों ने शुद्ध रूप से 21,000 करोड़ रुपये की निकासी की है। यह साबित करता है कि विदेशी निवेशकों का भारतीय बाजार पर विश्वास कम होता जा रहा है। नवीतनम आंकड़ों के अनुसार विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने 1 से 5 अक्टूबर के दौरान इच्टिी यानी शेयर बाजार से 7,094 करोड़ रुपये और डेट मार्केट से 2,261 करोड़ रुपये निकाले हैं, यानी इस दौरान कुल 9,355 करोड़ रुपये निकाले हैं। भारतीय बाजार में देखें तो इस साल कुछ महीनों को छोड़कर ज्यादातर समय एफपीआई शुद्ध रूप से बिकवाल ही रहे हैं लेकिन अक्टूबर में अब तक एफपीआई ने जिस तेजी से निकासी की है, उसने तो बाजार को ही हिलाकर रख दिया है। कच्चे तेल की बढ़ती कीमतें, अमेरिका के ट्रेजरी यील्ड में बढ़त और वैश्विक स्तर पर डॉलर की हो रही कमी, कुछ ऐसी प्रमुख वजहें हैं जिनकी वजह से एफपीआई भारतीय बाजार में बिकवाली कर रहे हैं। हालांकि, वे सभी उभरते बाजारों में ऐसा ही कर रहे हैं, सिर्फ  भारत में नहीं। हां, यह सच जरूर है कि भारत में तेल की बढ़ती कीमतों का असर ज्यादा है, क्योंकि भारत को अपनी ज्यादातर तेल जरूरतों का आयात करना पड़ता है।

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