नई दिल्ली। देश का सबसे बड़ी दूग्ध बिक्रेता कंपनी अमूल दिसंबर से ऊंटनी का दूध बेचेगी। अमूल के सूत्रों से मिली खबर में बताया गया है कि कंपनी पाउच और बोतलों में ऊंटनी का दूध बेचेगी। फिलहाल अमूल कच्छ के पास इसकी एक प्रोसेसिंग यूनिट लगा रहा है। ये पहला मौका होगा जब किसी प्रमुख ब्रांड का ऊंटनी का दूध बाजार में होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद ऊंटनी के दूध के प्रशंसक हैं। शोध बताती हैं कि ऊंटनी का दूध, गाय के दूध से कहीं ज्यादा फायदेमंद होता है। डायबिटीज समेत कई रोगों में इसका सेवन किसी चमत्कार की तरह होता है। अमूल ऊंटनी के दूध का एक बड़ा सयंत्र लगा रहा है। नवंबर में इसके ट्रायल शुरू हो जाएंगे। फिर दिसंबर से इसकी कार्मशियल मार्केटिंग और डिस्ट्रीब्यूशन का काम भी प्रारंभ हो जाएगा। अमूल इसकी शुरुआत अहमदाबाद में 500 मिलीलीटर की बॉटल्स की बिक्री से करेगा। बाद में इसके पाउच भी बाजार में आएंगे। अभी अमूल हर महीने ऊंट के दूध से 700 टन चाकलेट बनाता है। इसके लिए हर हफ्ते कच्छ से 10 हजार लीटर तक ऊंट का दूध खरीदता है। अब वो क्षमता बढाएगा। वो गुजरात के कई जिलों से रोज 5000 से 6000 लीटर दूध रोज खरीदना शुरू करेगा ताकि रोज बड़े पैमाने पर इन्हें प्रोसेस किया जा सके। हाल ही में फ़ूड सेफ्टी एंड स्टैंडड्र्स अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया ने भी इस दूध को उन एनिमल प्रोडक्ट्स की सूची में डाल दिया है जिसे लोगों के पीने के लिए बाज़ार में बेचा जा सकता है। ऊंटनी के दूध में विटामिन सी गाय के दूध की तुलना में तीन गुना ज्यादा और आयरन की मात्रा 10 गुना ज्यादा होती है। इसमें विटामिन ए, विटामिन बी2 और लैक्टज कम मात्रा में होता है लेकिन पोटैशियम, मैग्नीशियम, आयरन, तांबा, मैगनीज, सोडियम और जस्ता बड़ी मात्रा में होता है। भारत में तो इस पर ज्यादा शोध नहीं हुए हैं लेकिन विदेशों में ऊंट के दूध पर कई प्रमाणिक शोध हो चुके हैं। जिसके बाद इसे सुपर फूड माना जाने लगा है। यूनाइटेड अरब अमीरेट्स यूनिवर्सिटी में ऊंट के दूध पर हुआ शोध बताता है कि ये डायबिटीज से लेकर कैंसर जैसी बीमारियों को रोकने में बेहद कारगर है। उसमें जबरदस्त न्यूट्रीशियन और चिकित्सीय गुण पाए गए हैं।बीकानेर के राष्ट्रीय उष्ट्र अनुसंधान केंद्र ने हाल ही में एक स्टडी कराई जिसमें इस बात की पुष्टि की गई कि ऊंटनी का दूध मंद बुद्धि बच्चों के लिए अमृत के समान होता है। जिस कारण ऑर्टिम जैसी बीमारियां और मानसिक विकार ठीक हो जाते हैं। इस कारण राष्ट्रीय उष्ट्र अनुसंधान केंद्र ने ऊंटनी के दूध से बने कई तरह के उत्पाद भी बाजार में उतार दिए हैं।
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