दक्षिणी राजस्थान से चुनाव प्रचार की शुरुआत करेंगे राहुल गांधी, आदिवासियों की घर वापसी पर रहेगा फोकस

डुंगरपुर। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी गुरुवार को आदिवासी बहुल दक्षिण राजस्थान के दौरे पर हैं। राहुल विधानसभा चुनाव से ठीक पहले सागवाड़ा कस्बे में आदिवासियों को फिर से कांग्रेस के पाले में लाने के लिए कड़ी मेहनत करेंगे। हालांकि, राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस साल के आखिर में होने जा रहे चुनाव में कमल को छोड़कर आदिवासियों का हाथ थामना इतना आसान नहीं होगा।एक समय में कांग्रेस का गढ़ कहा जाने वाला आदिवासी बहुल उदयपुर, बांसवाड़ा, डुंगरपुर और प्रतापगढ़ जिला वर्ष 2013 के चुनाव में भगवामय हो गया और बीजेपी को शानदार जीत मिली। राहुल गांधी ने आदिवासियों की घर वापसी के लिए राजस्थान में अपनी पहली चुनावी सभा के लिए इस क्षेत्र को चुना है। यही नहीं इस इलाके से राहुल गांधी का जज्बाती रिश्ता भी है। पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी की अस्थियां बनेश्वर धाम में सोम-माही नदियों में प्रवाहित की गई थीं। माना जाता है कि बनेश्वर धाम आदिवासियों का महाकुंभ है। राहुल गांधी की रैली के लिए विशाल स्टेज तैयार किया गया है। राहुल गांधी यहां पर इस इलाके की 45 लाख की आदिवासी आबादी के प्रतिनिधियों को संबोधित करेंगे राज्य कांग्रेस के प्रमुख सचिन पायलट कहते हैं, दीवारों पर लिखा है। कांग्रेस बड़े बहुमत के साथ आ रही है। राजस्थान के चुनाव परिणाम कांग्रेस के लिए केंद्र में सरकार बनाने का रास्ता खोलेंगे। बता दें कि वर्ष 2013 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने इस क्षेत्र की 16 आदिवासी सीटों में से 14 पर जीत हासिल की थी। यह तब था जब तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस इलाके को देश के अन्य हिस्सों से जोडऩे के लिए 1200 करोड़ रुपये का प्रॉजेक्ट शुरू कराया था। गुजरात में मोदी के अच्छे काम के नाम पर बीजेपी ने धीरे-धीरे आदिवासियों में अपनी पकड़ बनाई। इसके अलावा आरएसएस इस इलाके में पिछले 2 दशक से काम कर रही है जो बीजेपी की जीत के लिए आधार का काम कर रहा है। इन वजहों से कांग्रेस के इस गढ़ में बीजेपी ने अपनी पकड़ बनाई।

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