नई दिल्ली। एयरपोर्ट पर यात्रियों को छोड़कर फ्लाइट रवाना करने के मामले में इंडिगो एयरलाइंस को 61,000 रुपये चुकाने का आदेश दिया गया है। कोलकाता से अगरतला जाने वाली फैमिली एयरपोर्ट पर ही बोर्डिंग के इंतजार में थी, लेकिन उन्हें कोई सूचना दिए बिना ही फ्लाइट ने उड़ान भर ली। अब राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने फैमिली की ओर से ली गई 41,000 रुपये की टिकटों के अलावा एयरलाइन से 20,000 रुपये अतिरिक्त देने को कहा है।एयरलाइन की ओर से दायर पुनर्विचार याचिका को खारिज करते हुए आयोग के अध्यक्ष आर.के. अग्रवाल और मेंबर एम. श्रीशा की पीठ ने एयरलाइन को यात्री से संपर्क न कर पाने का भी दोषी ठहराया। इंडिगो ने अपनी वेबसाइट पर दी गई टर्म्स ऐंड कंडीशंस का हवाला देते हुए कहा, इंडिगो मोबाइल फोन के जरिए संपर्क को प्राथमिकता देता है। किसी भी यात्री के लिए यह अनिवार्य है कि वह बुकिंग के समय अपना मोबाइल नंबर मुहैया कराए।इस पर बेंच ने टिप्पणी की, यह स्पष्ट है कि बुकिंग के वक्त यात्री की ओर से मोबाइल नंबर दर्ज कराना चाहिए। हालांकि यह बात समझ में नहीं आती कि आखिर पुनर्विचार याचिका दाखिल करने वाले की इस पर बात पर क्यों चुप्पी है कि आखिर फैमिली के किसी भी सदस्य से संपर्क करने का प्रयास क्यों नहीं किया गया। उनमें से किसी को भी कॉल क्यों नहीं की गई।
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