नई दिल्ली। डीजल -पेट्रोल में लगातार हो रही बढ़ोतरी और पैसे के अवमूल्यन का प्रभाव अब विदेशी निवेश पर भी पडऩे लगा है। अभी हाल ही में आए एक रिपोर्ट के मुताबिक विदेशी पूंजी निवेशक धराधर भारतीय बाजार से अपना पैसा वापस निकाल रहे हैं। मसलन विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने पिछले पांच कारोबारी सत्रों में पूंजी बाजार से 5,600 करोड़ रुपये की निकासी की है, जबकि इससे पहले दो महीनों में उन्होंने लगातार निवेश किया था। डिपॉजिटरी के शुरुआती आंकड़ों के अनुसार, 3 से 7 सितंबर के बीच एफपीआई ने शेयर बाजार से 1,021 करोड़ रुपये और ऋण बाजार से 4,628 करोड़ रुपये की निकासी की। इस प्रकार कुल निकासी 5,649 करोड़ रुपये की रही।जबकि अगस्त में एफपीआई ने 2,300 करोड़ रुपये का निवेश किया था। इससे पहले अप्रैल से जून के बीच विदेशी निवेशकों ने 61,000 करोड़ रुपये की निकासी की थी। बाजार विशेषज्ञों के अनुसार, ताजा निकासी का अहम कारण रुपये की कीमत में गिरावट और कच्चे तेल की कीमतों का बढऩा है। इसके अलावा एफपीआई निवेश को लेकर बाजार नियामक सेबी के दिशा-निदेशोज़्ं से भी बाजार में चिंता का माहौल है। कमजोर वैश्विक बाजारों ने भी इस पर असर डाला है।
विदेशी निवेशकों को भारत से मोहभंग, पूंजी बाजार से निकाले 5,600 करोड़ रुपये
