अफगान को तालिबान पर फोकस का संदेश देगा भारत

नई दिल्ली। अफगानिस्तान में बढ़ते संघर्ष और तालिबान को बातचीत की मेज पर लाने की कोशिश की पृष्ठभूमि के बीच विदेश सचिव विजय गोखले अगले हफ्ते काबुल जाने वाले हैं। इस दौरान वह अशरफ गनी सरकार के साथ चर्चा करेंगे। भारत की कोशिश है कि अफगानिस्तान सरकार को इस बात पर राजी किया जाए कि वह आंतरिक कलह को खत्म करे और तालिबान पर ध्यान दे।पिछले कुछ महीनों में जहां तालिबान ने देश के विभिन्न हिस्सों में अपने हमले तेज कर दिए हैं, वहीं गनी सरकार अभी आंतरिक समस्याओं का ही सामना कर रही है। बीते दिनों अफगानिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और उनके डेप्युटी ने सार्वजनिक तौर पर इस्तीफा दिया था। भारत का मानना है कि ये सभी मामले अफगानिस्तान को तालिबान के खिलाफ लड़ाई में कमजोर कर सकते हैं।अपनी यात्रा के दौरान तालिबान द्वारा अगवा किए गए भारतीय इंजीनियरों पर भी अपडेट लेने की कोशिश करेंगे। बता दें कि इन इंजीनियों के अगवा होने के बाद से अब तक उनका कोई सुराग नहीं लगा है। बता दें कि बीते दिनों भारत में 2+2 डायलॉग के दौरान अफगानिस्तान को लेकर विस्तार से चर्चा हुई थी। अमेरिका के माइक पोम्पियो और जेम्स मैटिस ने भारत को अफगानिस्तान और तालिबान को लेकर अपडेट दिया था। भारत शुरुआती तौर पर अफगानिस्तान और तालिबान की बातचीत को लेकर बहुत उत्सुक नहीं है, लेकिन भारत के अधिकारियों का मानना है कि अमेरिका चाहता है कि इस बातचीत को एक राजनीतिक निष्कर्ष तक लाया जाए। इससे पहले भी इस बातचीत के कई प्रयास हुए हैं, लेकिन सभी फेल हुए। शुक्रवार को मैटिस ने अफगानिस्तान का अचानक दौरा किया। अपनी यात्रा से पहले पत्रकारों से बातचीत में अमेरिकी रक्षा मंत्री ने कहा कि सुलह की संभावनाएं काफी ज्यादा हैं। बता दें कि 2+2 डायलॉग के दौरान भारत ने अमेरिका की अफगानिस्तान नीति का समर्थन किया था।

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