एससी/एसटी एक्ट के खिलाफ सवर्णों का भारत बंद, बिहार में आगजनी-ट्रेनें रोकी

नई दिल्ली। सवर्ण समुदाय के संगठनों ने एससी/एसटी एक्ट में संशोधन कर उसे मूल रूप में बहाल करने के विरोध में आज भारत बंद का आह्वान किया है। इसकी संवेदनशीलता को देखते हुए मध्य प्रदेश के तीन जिलों मुरैना, भिंड और शिवपुरी में एहतियातन धारा 144 लागू कर दी गई है। देशभर में सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए हैं। कई जगह धारा 144 लगा दी गई है। किसी भी हिंसा-उपद्रव से सख्ती से निपटने के निर्देश दिए गए हैं। बंद का समर्थन करने वाले संगठनों का कहना है कि वे जाति और धर्म के आधार पर आरक्षण का विरोध करते हैं। मध्य प्रदेश के आगर मालवा जिले में भारत बंद का व्यापक असर है। यहां के निजी स्कूल, पेट्रोल पंप भी बंद हैं। दूसरी ओर सपाक्स संगठन के सदस्य सड़को पर उतरे, नारे बाजी की। बिहार के दरभंगा और मुंगेर के मसुधन में प्रदर्शनकारियों ने ट्रेनें रोक दी है। बेगुसराय में सवर्णों ने जिले के कई जगह एनएच 28, एनएच 31 एस एच  55 सहित शहर के गली मोहल्लों में स्थानीय सड़क को भी जाम कर दिया एवं सरकार विरोधी नारेबाजी कर रहे हैं।बंद समर्थकों ने  केंद्र सरकार के इस एक्ट को काला कानून करार दिया है और कहा है कि यदि सरकार इसे वापस नहीं लेती है तो देश में और बड़ा आंदोलन होगा। हंगामे के कारण यात्री हलकान है और सड़क पर वाहनों की लंबी कतारें लगी हुई है। इसके साथ ही भारत बंद को लेकर निजी स्कूलों ने बच्चों को दी छुट्टी है वहीं पुलिस और प्रशासन  अलर्ट पर  हैं।दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने एससी/एसटी एक्ट पर जो फैसला सुनाया था उसे सवर्ण समाज बिल्कुल सही मानता है। सवर्ण समुदायों का कहना है कि इस एक्ट का दुरुपयोग कर उन्हें झूठे मामलों में फंसाया जाता है। यही कारण है कि लोग एससी/एसटी एक्ट पर शीर्ष न्यायालय के फैसले को बहाल करने की मांग कर रहे हैं।

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