भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग जारी, दोषियों को मिलेगी सजा, वाड्रा के एफआईआर पर बोले खट्टर

गुरुग्राम। गुरुग्राम में जमीन मामले में खुद के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने को जहां रॉबर्ट वाड्रा ने चुनावी मौसम में असल मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिश करार दिया है, वहीं हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने इसे भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई बताया है। जमीन मामले में वाड्रा और पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने पर खट्टर ने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ हमारी जंग जारी है। उन्होंने कहा कि दोषियों को सजा मिलेगी। खट्टर ने कहा कि अलग-अलग एजेंसियों द्वारा अलग-अलग मामलों की जांच चल रही है।बता दें कि गुरुग्राम जमीन घोटाले के मामले में शनिवार को रॉबर्ट वाड्रा और हरियाणा के पूर्व सीएम भूपिंदर हुड्डा पर एफआईआर दर्ज की गई। इस एफआईआर में डीएलएफ कंपनी गुरुग्राम और ओंकारेश्वर प्रॉपर्टीज के नाम भी शामिल है। यह एफआईआर खेड़कीदौला पुलिस स्टेशन में दर्ज करवाई गई है। इस मुद्दे पर रॉबर्ट वाड्रा ने कहा कि चुनाव आ रहे हैं इसलिए उनके पुराने मामलों को फिर से सामने लाया जा रहा है। रॉबर्ट वाड्रा और अन्य पर यह एफआईआर भारतीय दंड संहिता की धारा 420, 120बी, 467, 468 और 471 के तहत दर्ज की गई है। यह केस सुरेंद्र शर्मा नाम के शख्स ने दर्ज करवाई है। पुलिस को दी शिकायत में सुरेंद्र शर्मा ने बताया कि 2007 में स्काइलाइट हॉस्पिटैलिटी कंपनी ने शिकोहपुर गांव में ओंकारेश्वर प्रॉपर्टीज के जरिए साढ़े तीन एकड़ जमीन औने-पौने रेट में खरीदी। इस कंपनी के डायरेक्टर रॉबर्ट वाड्रा हैं। आरोप है कि उस दौरान हरियाणा के सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने नियम ताक पर रखते हुए इस जमीन को कर्मशल बना दिया। इसके बाद डीएलएफ ने स्काईलाइट कंपनी को करोड़ों का फायदा पहुंचाते हुए इस जमीन को 58 करोड़ रुपये में खरीद लिया। पुलिस के अनुसार, स्काईलाइट कंपनी ने जब रजिस्ट्री करवाई, उस समय इस कंपनी की वर्थ एक लाख रुपये थी और इस कंपनी के अकांउंट में पैसे भी नहीं थे। रजिस्ट्री के दौरान जो चेक लगाए गए, वह भी कहीं पर कैश नहीं हुए। हुड्डा पर यह भी आरोप है कि वजीराबाद गांव में 350 एकड़ जमीन डीएलएफ कंपनी को गलत तरीके से अलॉट कर उसे करीब पांच हजार करोड़ का फायदा पहुंचाया।

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