बिश्केक (किर्गिस्तान)। तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन ने किर्गिस्तान को आगाह किया है कि यदि वह अमेरिका में निर्वासन की जिंदगी गुजार रहे फतेउल्ला गुलेन के अनुयायियों को जड़ से खत्म करने में विफल रहता है तो उसकी स्थिरता खतरे में पड़ सकती है। किर्गिस्तान की यात्रा पर आए एर्दोआन ने अपने किर्गिस समकक्ष सूरनबाई जीनबेको से शनिवार को बात की।इस दौरान तुर्की के राष्ट्रपति ने किर्गिस्तान में गुलेन के नेटवर्क को अंकारा और मध्य एशियाई देशों के अच्छे संबंधों के लिहाज से बड़ा सवाल करार दिया। एर्दोआन ने कहा कि गुलेन के समर्थक सेना, पुलिस और अन्य सरकारी तंत्र में शामिल हो गए हैं और उन्होंने तख्तापलट की कोशिश की। एक समय में एर्दोआन को गुलेन का सहयोगी माना जाता था। गुलेन मूल रूप से तुर्की के रहने वाले मौलवी और शिक्षाविद हैं। एर्दोआन ने 2016 में तख्तापलट की कोशिश का हवाला देते हुए कहा, हम नहीं चाहेंगे कि किर्गिस्तान की भी उन्हीं समस्याओं से गुजरना पड़े। अंकारा ने तख्तापलट की उस कोशिश के लिए गुलेन के सहयोगियों को जिम्मेदार बताया था।
एर्दोआन ने किर्गिस्तान को गुलेन के खतरे को लेकर आगाह किया
