नोटबंदी से आगे

भारतीय रिजर्व बैंक की सालाना रिपोर्ट (2017-18) एक तरह से नोटबंदी की भेंट चढ़ गई। इस रिपोर्ट में पहली बार रिजर्व बैंक ने यह बताया कि 500 और 1000 रुपये के नोट बैन करने के नवंबर 2016 के फैसले के बाद कितने नोट उसके पास वापस आए। इसके बाद पूरी बहस इसी एक पहलू पर सिमट गई, जिससे इस रिपोर्ट की अन्य महत्वपूर्ण बातें काफी कुछ अनदेखी रह गईं। हालांकि नोटबंदी के व्यापक असर और रिजर्व बैंक द्वारा नोट गिनने में हुए ऐतिहासिक विलंब को देखते हुए न केवल मीडिया बल्कि राजनीति का भी ध्यान इस पहलू पर केंद्रित होना स्वाभाविक था। 99.3 फीसदी प्रतिबंधित नोट वापस आ जाने को विपक्ष की ओर से इस बात का सबूत बताया गया कि नोटबंदी का फैसला हर तरह से नाकाम रहा। बहरहाल, राजनीतिक बयानों से हटकर देखें तो नोटबंदी की इस कवायद ने एक बात साफ कर दी कि भारतीय अर्थव्यवस्था में ब्लैक मनी का जो हौवा खड़ा किया जाता रहा है, उसकी मौजूदगी नोटों की शक्ल में ना के बराबर ही थी। इस कदम ने कैश इस्तेमाल करने की प्रवृत्ति पर कुछ अंकुश लगाया, साथ ही चोटी के न सही पर बीच के खिलाडिय़ों में यह खौफ कायम किया कि उनके खेल सरकार की नजर में हैं। ये और ऐसे ही कुछ अन्य फायदे क्या इतने महत्वपूर्ण हैं कि इनकी रोशनी में नोटबंदी के फैसले को जरूरी या उचित माना जाए, यह बहस जल्दी हल नहीं होने वाली।लिहाजा, इसे छोड़कर फिलहाल उन बिंदुओं पर नजर डाली जाए जो रिजर्व बैंक की सालाना रिपोर्ट से उभर कर सामने आते हैं। इस रिपोर्ट की एक चिंताजनक बात यह है कि बैंकों के एनपीए का स्तर लाख प्रयासों के बावजूद न सिर्फ अभी बल्कि अगले साल भी नीचे आता नहीं दिख रहा। रिपोर्ट के मुताबिक अगले साल यह 11.5 फीसदी के मौजूदा स्तर से और ऊपर जा सकता है। विश्व व्यापार में जारी संरक्षणवादी प्रवृत्ति बाहरी बाजारों में भारतीय उत्पादों की मांग को प्रभावित करेगी। ईरान पर अमेरिकी प्रतिबंध के चलते अंतरराष्ट्रीय बाजारों में तेल कीमतों के और चढऩे का अंदेशा है, जबकि डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत अभी और नीचे जाने की आशंका बनी हुई है। इन सबसे एक तरफ व्यापार घाटा बढऩे का खतरा मंडरा रहा है, दूसरी तरफ आयातित महंगाई की तलवार भी सिर पर लटकी हुई है। इन चुनौतियों के बरक्स अच्छी बात यह है कि कृषि उत्पादन लगातार तीसरे साल अच्छा रहने की उम्मीद है। जीडीपी की अनुमानित वृद्धि दर 7.4 फीसदी बताई गई है जो पिछले साल के 6.7 फीसदी से काफी बेहतर है।

Share and Enjoy !

Shares

Related posts

Leave a Comment