नई दिल्ली। राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने राष्ट्रीय राजधानी के 5 सितारा होटलों को भूजल दोहन के लिए केन्द्रीय भूजल प्राधिकरण (सीजीडब्ल्यूए) से अनुमति मांगने तथा उन्हें इस बारे में बताने का निर्देश दिया कि उन्हें कितने पानी की आवश्यकता है। न्यायमूर्ति आर.एस.राठौड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने होटलों से सीजीडब्ल्यूए को इस बारे में जानकारी देने के लिए भी कहा कि भूजल का दोहन कब से और हर महीने कितना किया जा रहा है। पीठ ने कहा कि उपराज्यपाल की अधिसूचना, दिल्ली के मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली बैठक की चर्चा व निदेशक (पर्यावरण) द्वारा अधिकरण के सामने सौंपे गए स्पष्टीकरण को देखते हुए छह होटलों को भूजल निकालने के लिए अनुमति मांगने हेतु संबंधित प्राधिकार से गुहार लगाने तथा उनके द्वारा जरूरी पानी की मात्रा के बारे में बताने का निर्देश दिया जा रहा है। यह काम 1 महीने के भीतर होना चाहिए। अधिकरण ने कहा कि होटलों के आवेदन प्राप्त होने के बाद सीजीडब्ल्यूए एक महीने के भीतर कानून के अनुरूप इस पर फैसला करे और अगर यह पाया जाता है कि जमीन से निकाला गया कुल पानी अनुमति की सीमा से अधिक है तो वे कार्रवाई करें। पीठ ने कहा कि इस मामले में अनुपालन रिपोर्ट दो महीने यानी 22 अक्तूबर 2018 तक अधिकरण के सामने सौंपी जाए। एनजीटी शैलेश सिंह की याचिका पर सुनवाई कर रहा था जिन्होंने पांच सितारा होटलों द्वारा बिना अनुमति भूजल का दोहन पर तुरंत रोक लगाने की मांग की थी।
होटल बताएं, कितने पानी की जरूरतः एनजीटी
