लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले मंदिर राजनीति में कूदते हुए ऐलान किया कि अगर वह सत्ता में आए तो इटावा में में भगवान विष्णु का नगर विकसित किया जाएगा और इसमें भव्य मंदिर भी होगा। उन्होंने कहा कि भगवान विष्णु का यह मंदिर कंबोडिया के विश्व प्रसिद्ध अंकोरवाट मंदिर की तरह होगा। अखिलेश यादव ने मीडिया से बातचीत में कहा, ‘हम भगवान विष्णु के नाम पर लायर सफारी (इटावा) के निकट 2000 एकड से अधिक भूमि पर नगर विकसित करेंगे। हमारे पास चंबल के बीहडों में काफी भूमि है। नगर में भगवान विष्णु का भव्य मंदिर होगा। यह मंदिर कंबोडिया के अंगकोरवाट मंदिर की ही तरह होगा। ‘बीजेपी पर निशाना साधते हुए अखिलेश ने इसे षडयंत्रकारियों की पार्टी बताया जो जमीनी स्तर पर कुछ नहीं करती है और वोट के लिए जनता को बेवकूफ बनाती है। बता दें कि बिहार के पूर्वी चंपारण जिले में अंकोरवाट की तर्ज पर विराट रामायण मंदिर बनाए जाने की योजना है जिसका कंबोडिया की सरकार ने विरोध किया है। इसके बाद अखिलेश यादव ने यह बयान दिया है। राम मंदिर मुद्दे पर सीधा जवाब देने से बचते हुए अखिलेश ने वादा किया कि अगर सत्ता में आये तो भगवान विष्णु का एक नगर निश्चित तौर पर विकसित किया जाएगा, जिनके अवतार भगवान राम और भगवान कृष्ण थे। उन्होंने कहा कि इसके अध्ययन के लिए विशेषज्ञों की एक टीम कंबोडिया भेजी जाएगी। यह शहर हमारे अतीत की संस्कृति और ज्ञान का केंद्र होगा। कंबोडिया का अंकोरवाट विश्व के सबसे विशाल धार्मिक परिसर में से एक है। वह मूल रूप से भगवान विष्णु को समर्पित हिन्दू मंदिर था, जो धीरे-धीरे बौद्ध मंदिर में तब्दील हो गया। कंबोडिया सरकार का कहना है कि विराट रामायण मंदिर का डिजायन अंकोरवाट मंदिर की नकल है। कंबोडिया दूतावास ने विदेश मंत्रालय को एक पत्र लिखकर अपना विरोध दर्ज कराया है। उसका कहना था कि अंकोरवाट मंदिर विश्व विरासत स्थल है और कंबोडिया के राष्ट्रीय ध्वज पर अंकित प्रतीक भी है। कंबोडिया सरकार के ऐतराज के बाद इस मसले पर केंद्र सरकार ने बिहार सरकार और मंदिर के प्रस्तावकों से इस संबन्ध में बात की है और प्रस्तावित मंदिर के डिजायन में बदलाव करने की सलाह दी है।
अखिलेश यादव इटावा में बनाएंगे कंबोडिया के अंकोरवाट जैसा भव्य विष्णु मंदिर
