सिंगल पैरंटिंग समाज के लिए खतरनाक: मद्रास हाई कोर्ट

चेन्नई। मद्रास हाई कोर्ट ने बच्चों के सिंगल पैरंटिंग के बढ़ते चलने पर कहा है कि यह समाज पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रहा है। कोर्ट ने कहा कि बच्चे को माता और पिता दोनों की जरूरत होती है। हाई कोर्ट ने साफ किया कि दोनों (माता-पिता) अकेले एक दूसरे की पूर्ति नहीं कर सकते। अदालत ने जोर देते हुए कहा कि सिंगल पैरंटिंग समाज के लिए खतरा है।हाई कोर्ट ने कहा कि माता-पिता में से किसी एक के प्यार की कमी से बच्चे के व्यवहार में बदलाव आ सकता है। कोर्ट ने कहा कि इससे बच्चा समाज के खिलाफ भी जा सकता है। बाल उत्पीडऩ पर नियंत्रण के लिए कोर्ट की तरफ से दिए गए निर्देश को पूरा नहीं कर पाने के कारण केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के सचिव के खिलाफ एक अवमानना याचिका पर सुनवाई के दौरान मद्रास हाई कोर्ट के जस्टिस एन. किरूबकरन ने यह टिप्पणी की।इस मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने यह भी महसूस किया कि अब केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय को दो हिस्सों में बांट देना चाहिए। साथ ही कोर्ट ने पाया कि बाल विकास के लिए अलग से एक समर्पित मंत्रालय बनाने की जरूरत है।

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